केरल एवं तमिलनाडु की भित्ति-चित्र परम्पराओं का वर्णन करें।
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केरल एवं तमिलनाडु की भित्ति-चित्र परम्पराओं का वर्णन
उत्तर: तमिलनाडु के मंदिरों में शिव और जिन में शिव से संबंधित कथाएँ चित्रित है , जिन में शिव को भिक्षाटन और विष्णु को मोहिनी रूप में चित्रित किया गया है|
तमिलनाडु के श्री कृष्ण मंदिर में 60 चित्र्फ्लकों में कथाएँ चित्रित की गई है| यह नायक चित्रकला के नमूने है| इससे यह पता चलता है की नायक शैली विजयनगर में पूर्ववती परम्पराओं का पालन करते हुए चित्रों में गाने लाने की कोशिश की है |
उदाहरण के लिए
तमिलनाडु का नटराज चित्र|
केरल के भित्ति चित्र- केरल के चित्रकारों ने अपनी ही चित्रात्मक भाषा का विकास कर लिया था , पर उन्होंने भी नायक और विजय शैली के कुछ तत्वों को अपनी शैली में शामिल कर लिया था| इन कलाकारों ने समकालीन परम्पराओं से प्रभावित होकर ऐसी भाषा विकसित की जिस में कंपनशील और चमकदारों रंगो का प्रयोग करके मानव आकृति को त्रिआयामी रूप दिया जा सकता था| यह चित्र मंदिरों और राजमहलों की दीवारों पर देखे जा सकते है| अधिकांश चित्र हिन्दुओं की धार्मिक कथाओं पर आधारित है|
भारतीय कला का परिचय
पाठ-5 परवर्ती भित्ति-चित्रण परम्पराएँ
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