केरल और हिमाचल के नदी के बीच का पत्राचार
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विज्ञापनों में केरल को 'ईश्वर का अपना घर' (God's Own Country) कहा जाता है, यह कोई अत्युक्ति नहीं है। जिन कारणों से केरल विश्व भर में पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना है, वे हैं : - उष्ण मौसम, समृद्ध वर्षा, सुंदर प्रकृति, जल की प्रचुरता, सघन वन, लम्बे समुद्र तट और चालीस से अधिक नदियाँ। भौगोलिक दृष्टि से केरल उत्तर अक्षांश 8 डिग्री 17' 30" और 12 डिग्री 47' 40" के बीच तथा पूर्व रेखांश 74 डिग्री 7' 47" और 77 डिग्री 37' 12" के बीच स्थित है। यह सह्याद्रि तथा अरब सागर के बीच एक हरित मेखला की तरह खूबसूरत लगता है। केरल की उत्पत्ति के संबन्ध में परशुराम की कथा प्रसिद्ध है। किंवदन्ती है कि महाविष्णु के दशावतारों में से एक परशुराम ने अपना फरसा समुद्र में फेंक दिया, उससे जो स्थान उभरकर निकला वही केरल बना।
Explanation:
केरल में 44 नदियाँ हैं जिनमें 41 नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं, 3 नदियाँ पूरब की ओर बहती हैं। जो नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं वे या तो अरब सागर में या झीलों में या अन्य नदियों में जा मिलती हैं । इन नदियों में हज़ारों निर्झरें और नहरें बहती हैं । सन् 1974 में राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग ने जो जल संसाधन रपट प्रस्तुत किया है उसमें उन प्रवाहों को नदियाँ मानी गई हैं जिनकी दूरी 15 किलो मीटर से अधिक हो ।
केरल की नदियाँ
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केरल की नदियाँ
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राजधानी तिरुवनन्तपुरम
राजभाषा(एँ) मलयालम भाषा
स्थापना 1 नवंबर, 1956
जनसंख्या 3,33,87,677[1]
· घनत्व 859[1] /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 38,863 वर्ग किमी
भौगोलिक निर्देशांक 8.5074°N 76.972 °E
· ग्रीष्म 36.7 °C
· शरद 19.8 °C
ज़िले 14[1]
मुख्य पर्यटन स्थल कोवलम, बेकल, मुन्नार, कन्नूर
लिंग अनुपात 1000:1,084[1] ♂/♀
साक्षरता 93.91 [1]%
· स्त्री 91.98%
· पुरुष 96.02%
राज्यपाल एच. आर. भारद्वाज[1]
मुख्यमंत्री ओमन चांडी[1]
लोकसभा क्षेत्र 20[1]
राज्यसभा सदस्य 9[1]
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
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केरल में 44 नदियाँ हैं जिनमें 41 नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं, 3 नदियाँ पूरब की ओर बहती हैं। जो नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं वे या तो अरब सागर में या झीलों में या अन्य नदियों में जा मिलती हैं । इन नदियों में हज़ारों निर्झरें और नहरें बहती हैं । सन् 1974 में राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग ने जो जल संसाधन रपट प्रस्तुत किया है उसमें उन प्रवाहों को नदियाँ मानी गई हैं जिनकी दूरी 15 किलो मीटर से अधिक हो ।
प्रमुख नदियाँ
चूर्णी नदी
नेत्रावती नदी
पेरियार नदी
प्रतीची नदी
नदियाँ जो पश्चिम की ओर बहती हैं
मंजेश्वरम पुष़ा (16 कि. मी.)
उप्पळा पुष़ा (50 कि. मी.)
षीरिया पुष़ा (67 कि. मी.)
मेग्राल पुष़ा (34 कि. मी.)
चन्द्रगिरि पुष़ा (105 कि. मी.)
चिट्टारि पुष़ा (25 कि. मी.)
नीलेश्वरम पुष़ा (46 कि. मी.)
करियान्कोड पुष़ा (64 कि. मी.)
कव्वायि पुष़ा (31 कि. मी.)
पेरुवन्पा पुष़ा (51 कि. मी.)
रामपुरम पुष़ा (19 कि. मी.)
कुप्पम पुष़ा (82 कि. मी.)
वळपट्टनं पुष़ा (110 कि. मी.)
अञ्चरकण्डि पुष़ा (48 कि. मी.)
तलश्शेरि पुष़ा (28 कि. मी.)
मय्यष़ि पुष़ा (54 कि. मी.)
कुट्याडि पुष़ा (74 कि. मी.)
कोरप्पुष़ा (40 कि. मी.)
कल्लायि पुष़ा (22 कि. मी.)
चालियार पुष़ा (169 कि. मी.)
कडलुण्डि पुष़ा (130 कि. मी.)
तिरूर पुष़ा (48 कि. मी.)
भारतप्पुष़ा (209 कि. मी.)
कीच्चेरि पुष़ा (51 कि. मी.)
पुष़क्कल पुष़ा (29 कि. मी.)
करुवन्नूर पुष़ा (48 कि. मी.)
चालक्कुटि पुष़ा (130 कि. मी.)
पेरियार (244 कि. मी.)
मूवाट्टुपुष़ायार (121 कि. मी.)
मीनच्चिलार (78 कि. मी.)
मणिमलयार (90 कि. मी.)
पंपयार (176 कि. मी.)
अच्चनकोविलार (128 कि. मी.)
पल्लिक्कलार (42 कि. मी.)
कल्लाडायार (121 कि. मी.)
इत्तिक्करायार (56 कि. मी.)
अयिरूर (17 कि. मी.)
वामनपुरम आर (88 कि. मी.)
मामम् आर (27 कि. मी.)
करामनायार (68 कि. मी.)
नेय्यार (56 कि. मी.)
नदियाँ जो पूरब की ओर बहती हैं
कबिनी नदी
भवानिप्पुष़ा
पांपार[