कारण बताएँ - ( a ) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है , जिसमें इसे रखते हैं । ( b ) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है। ( c ) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है । ( d ) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं , लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा ।
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a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं क्योंकि गैस के कणों के बीच नगण्य आकर्षण बल होता है तथा गतिज ऊर्जा अधिक होती है और वे तेज गति से सभी दिशाओं में इधर-उधर गति करते हैं । ... इस अनियमित गति के कारण ये कण आपस में एवं बर्तन की दीवारों से टकराते हैं ।
b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है। गैस के कण तेज गति से सभी दिशाओं में इधर उधर भागते है। जिसके कारण वे एक दूसरे से टकराते है और बर्तन की दीवारों से और ज्यादा बल से टकराते है। इसलिए गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है। एक लड़की की मेज का निश्चित आकार और निश्चित आयतन होता है। यह बहुत कठोर होती है इसको दबाया नहीं जा सकता। ये सभी गुण ठोस के अंदर होते है तो हम कह सकते है की लकड़ी की मेज कठोर होती है।
d) जबकि ठोस के कणों के बीच आकर्षण बल अधिकतम होता है, जिसके कारण ठोस के कण आपस में अत्यधिक मजबूती से जुड़े तथा संपीड़ित होते हैं। यही कारण है कि हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।