कारण बताएँ।(i) भारतीय उपमहाद्वीप में वायु की दिशा में मौसमी परिवर्तन क्यों होता है? (ii) भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है। (iii) तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है। (iv) पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्र में प्राय: चक्रवात आते हैं।(v) राजस्थान, गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाट का वृष्टि छाया क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है।
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उत्तर :
(i) भारतीय उपमहाद्वीप में वायु की दिशा में मौसमी परिवर्तन का मुख्य कारण है स्थल तथा जल भाग पर विपरीत वायुदाब क्षेत्रों का उत्पन्न होना। यह वायु के तापमान के कारण होता है। गर्मियों में स्थल भाग समुद्र से अधिक गर्म हो जाता है इसके कारण स्थल भाग के क्षेत्रों में निम्न वायुदाब क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है जबकि समुद्री क्षेत्रों में उच्च वायुदाब का क्षेत्र होता है । अतः समुद्र से स्थल की ओर पवनें चलने लगती है। शीत ऋतु में स्थिति इसके बिल्कुल उल्टी होती है जिसके कारण पवनों की दिशा बदल जाती है अर्थात स्थल भाग से पवनें समुद्र की ओर चलती है।
(ii) भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनो (जून से सितंबर ) में होती है क्योंकि मई महीने में भारत के उत्तरी भाग में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है और यहां की वायु हल्की होकर ऊपर की ओर उठ जाती है और यहां वायुदाब कम हो जाता है । इसके विपरीत हिंद महासागर पर वायु का दबाव अधिक होता है। पवनें हमेशा अधिक दाब से कम दाब वाले क्षेत्रों की ओर चलती हैं। अतः पवनें हिंद महासागर से भारत के उत्तरी भाग की ओर चलने लगती है। ये पवनें वाष्प से भरी होती हैं । भारत में यह पवनें जून से सितंबर तक ही सक्रिय रहती है। इसके फलस्वरूप भारत में ज्यादातर वर्ष जून से सितंबर के महीनों में ही होती है।
(iii) तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है क्योंकि यहां वर्षा उत्तरी पूर्वी मानसून द्वारा होती है और ये पवने यूं तो शुष्क होती है परंतु बंगाल की खाड़ी के ऊपर से गुजरते समय ये पर्याप्त नमी ग्रहण कर लेती हैं और पूर्वी घाट से टकराकर तमिलनाडु के तट पर काफी अधिक वर्षा करती हैं।
(iv) पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्र में प्राय: चक्रवात इसलिए आते हैं क्योंकि बंगाल की खाड़ी में प्राय: निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनता रहता है। इस समय पूर्वी तट पर कृष्णा, कावेरी तथा गोदावरी के डेल्टा प्रदेशों में अपेक्षाकृत अधिक वायु दाब का क्षेत्र होता है। परिणाम स्वरूप बंगाल की खाड़ी में भयंकर चक्कर आते हैं जो डेल्टा क्षेत्र में भारी तबाही करते हैं।
(v) राजस्थान, गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाट का वृष्टि छाया क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है क्योंकि राजस्थान में अरावली पर्वत के समानांतर दिशा में स्थित होने के कारण अरब सागर से आने वाली मानसूनी पवनें बिना रोक-टोक के गुज़र जाती है जिससे राजस्थान शुष्क रहता है। गुजरात के पश्चिमी भाग तथा पश्चिमी घाट का ढाल की पवनाविमुख ढाल वृष्टिछाया में स्थित है । इसलिए राजस्थान और गुजरात वर्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं सुखे रह जाते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।
Explanation:
भारतीय उपमहाद्वीप में वायु की दिशा में मौसमी परिवर्तन क्यों होता है? सर्दी के मौसम में हिमालय के उत्तर में उच्च दाब का क्षेत्र बन जाता है, ठंडी शुष्क पवनें उत्तर से दक्षिण की और बहती है। ... इस प्रकार पवनें उच्च दाब के क्षेत्र से, उत्तर में निम्न दाब क्षेत्र की ओर बहने लगती है। यही कारण है की पवनो की दिशा उलट जाती है।