किरण-धेनुएँ कविता की विशेषताओं पर विचार कीजिए।
Answers
Answer:
here is your answer
Explanation:
' किरण धेनुएँ नरेश मेहता की प्रातःकालीन प्राकृतिक सौन्दर्य को व्यंजित करने वाली कविता है । इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं - 1 . किरण - धेनुएँ कविता में प्रकृति की प्रातःकालीन मनोहरता का वर्णन है । कवि ने उसको परम्परागत चित्रण से दूर रखा है । उसमें छायावादी कल्पना प्रधान कोमलता नहीं है । इसका प्रकृति चित्रण मानव जीवन के यथार्थ से जुड़ा है तथा सामाजिक सरोकारों से सम्बन्धित है । 2 . कवि ने अपनी बात कहने के लिए सुन्दर बिम्ब योजना की सृष्टि की है । प्रातःकालीन सूर्य किरणें गायों तथा सूर्य ग्वाले का प्रतीक है । सूर्यरूपी ग्वाला अपनी किरणोंरूपी गायों को हाँककर ला रहा है । कुशल बिम्ब योजना ने कविता के सौन्दर्य में अपूर्व वृद्धि की है । इसमें चलित अथवा गतिशील बिम्ब है । 3 . कवि की भाषा संस्कृतनिष्ठ तथा साहित्यिक है । किन्तु उसमें दुरूहता नहीं है । वह बोधगम्य है तथा भावों की अभिव्यक्ति में सहायक है । 4 . कवि ने प्रातःकालीन दृश्य के चित्रण में रूपक का सहारा लिया है । इस कविता में रूपक , उपमा , उत्प्रेक्षा , पुनरुक्ति प्रकाश , अनुप्रास , मानवीकरण इत्यादि अलंकारों का यथास्थान सुन्दर प्रयोग हुआ है ।5 . प्रात : काल के सौन्दर्य का चित्रण सजीव है । वह एक जीवन्त चित्र जैसा है । सूर्योदय होना , किरणों को धीरे - धीरे धरती पर फैलना , नदियों के जल पर गिरना , अंधकार मिटना तथा बाद में सूर्य के आसमान में ऊपर चढ़ जाने का चित्रण अत्यन्त भव्य है ।