क) 'रश्मिरथी' प्रबन्ध काव्य के नामकरण पर प्रकाश डालें?
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'रश्मिरथी' प्रबन्ध काव्य के नामकरण पर प्रकाश डालें?
'रश्मिरथी' प्रबन्ध काव्य हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखा गया है | रश्मिरथी, जिसका अर्थ "सूर्य की सारथी" है, कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्रसिद्ध खण्डकाव्य है।
यह महाभारत की कहानी है। इस काव्य में परमवीर एवं दानी कर्ण की कथा है। रश्मिरथी में दिनकर ने कर्ण की महा भारतीय कथानक से ऊपर उठाकर उसे नैतिकता और विश्वसनीयता की नई भूमि पर खड़ा कर उसे गौरव से विभूषित कर करके लिखा गया है |
रश्मिरथी काव्य में कर्ण कथा को विषयवस्तु के रूप में चुनकर लेखक ने नैतिकता और विश्वसनीयता का वर्णन किया है। इस अर्थ में दिनकर ने एकदम नई समस्या की ओर ध्यान खींचा है। कहानी पुरानी ही है लेकिन, काव्य प्रस्तुति नई है। दिनकर जी रश्मिरथी में जाति भेद का विरोध इस प्रकार किया है, ऊँच-नीच का भेद न माने, वही श्रेष्ठ ज्ञानी है, दया-धर्म जिसमें हो, सबसे वही पूज्य प्राणी है।
दान का अर्थ किसी जरूरतमंद को सहायता के रूप में कुछ देना है।