किस जाति के लोग बाढ़ से घिरे होने पर हंसी दिल लगी नहीं छोड़ते
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बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपने अपने ढ़ंग से और अपनी जरूरत के हिसाब से तैयारी करने लगे। लोग अपने सामान को ऊपरी मंजिलों पर ले जा रहे थे। वे जरूरी राशन, दवाइयाँ, टॉर्च, बैटरी, किरासन, आदि का स्टॉक जमा कर रहे थे। निचली जगहों पर रहने वाले लोग ऊँचे स्थानों पर जा रहे थे
लेखक ने उसके पहले भी बाढ़ का सामना किया था, लेकिन ग्रामीण इलाकों में। ऐसा पहली बार हुआ था कि पटना जैसे शहर में बाढ़ आ रही थी। इसलिए लेखक की उत्सुकता बढ़ी हुई थी। वह देखना चाहता था कि किसी सघन आबादी वाले शहर में बाढ़ का क्या असर होता है। वह बाढ़ के प्रति शहरी लोगों की प्रतिक्रिया भी देखना चाहता था।
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★ बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपने अपने ढ़ंग से और अपनी जरूरत के हिसाब से तैयारी करने लगे। लोग अपने सामान को ऊपरी मंजिलों पर ले जा रहे थे। वे जरूरी राशन, दवाइयाँ, टॉर्च, बैटरी, किरासन, आदि का स्टॉक जमा कर रहे थे। निचली जगहों पर रहने वाले लोग ऊँचे स्थानों पर जा रहे थे
★ बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपने अपने ढ़ंग से और अपनी जरूरत के हिसाब से तैयारी करने लगे। लोग अपने सामान को ऊपरी मंजिलों पर ले जा रहे थे। वे जरूरी राशन, दवाइयाँ, टॉर्च, बैटरी, किरासन, आदि का स्टॉक जमा कर रहे थे। निचली जगहों पर रहने वाले लोग ऊँचे स्थानों पर जा रहे थे\bigstar★ लेखक ने उसके पहले भी बाढ़ का सामना किया था, लेकिन ग्रामीण इलाकों में। ऐसा पहली बार हुआ था कि पटना जैसे शहर में बाढ़ आ रही थी। इसलिए लेखक की उत्सुकता बढ़ी हुई थी। वह देखना चाहता था कि किसी सघन आबादी वाले शहर में बाढ़ का क्या असर होता है। वह बाढ़ के प्रति शहरी लोगों की प्रतिक्रिया भी देखना चाहता था।
Explanation:
Itzbiharichhori.....
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