किस क्रांतिवीर ने छद्म नाम,बलवंत जता कर लेख लिखे ?"काफी दिन रहे कानपुर में,पर अंग्रेजों को नहीं दिखे ।"
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gamdhiji
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उस क्रांतिवीर का नाम था..भगत सिंह, जिन्होने ‘बलवंत’ के छद्म नाम से लेख लिखे थे।
भगत सिंह एक अखबार के रिपोर्टर के रूप में लगभग ढाई वर्षों तक कानपुर में रहे, लेकिन अंग्रेजों को इसकी भनक तक नही पड़ी।
Explanation:
भगत सिंह भारतीय स्वाधीनता संग्राम के एक महान क्रांतिकारी थे। वह अपनी युवावस्था के दिनों में अपने घर से चुपचाप चले आए थे, क्योंकि घर वाले उन पर शादी का दबाव डाल रहे थे। वह क्रांतिकारी गतिविधियों में अधिक रुचि लेते थे और वह चुपचाप पत्रकारिता भी करते थे। वह अपने घर से भागकर कानपुर चले आए और वहां पर गणेश शंकर विद्यार्थी के अखबार प्रताप से जुड़ गए। उस अखबार में वे बलवंत सिंह के छद्म नाम से लेख लिखते थे। जिसमें वह अपनी कलम से अंग्रेजों की आलोचना करते। वह इसी तरह छद्म नाम और गुप्त रूप से कानपुर में लगभग ढाई वर्षों तक रहे, पर अंग्रेजों को पता नही चल पाया।