Hindi, asked by shsbasireddysravan, 8 months ago

किसान या अर्जदूर मजदूर के बारे में छोटी सी
कहाणी लिखित
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Answers

Answered by Amarjeetray
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Explanation:

अपने गांव में एक एक गांव में एक छोटा सा किसान आता था वह दिन भर मेहनत करते रहता था और उसके बेटे पढ़ते लिखते नहीं थे वह पूरे कितने पैसे कमाता है ऐसे में उड़ा देते इससे हम यह जान सकते हैं कि किसान कितना मेहनत करता है वह खेतों में दिन रात मेहनत करके फसल उगाता है उसे मेहनत से बेचता है तब भी दिन भर उसे जीवन यापन करने के लिए उसे अच्छा पैसा नहीं मिलता है

Answered by shauryadwivedi2006
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Answer:

लगन का समय था, बेटी शादी के लायक हो गई थी। ज्यादा पढ़ाई-लिखाई करवाई नहीं थी। उसके बहुत सारे कारण हैं। उसमें से सबसे बड़ा कारण शायद मेरा गरीब होना था। या फिर मेरा एक छोटी जात से होना रहा होगा । पूरे इलाके में बस दो ही स्कूल थे। पर एक स्कूल नहीं जा सकती थी क्योंकि वो गरीब की बेटी थी। और दूसरे में नहीं जा सकती थी क्योंकि वो उस समाज से थी, जिससे उसको इजाजत नहीं था। एक साथ बैठकर अपने बाप के मालिक के बच्चों के साथ पढ़े। देखा जाए तो दोनों में ही उसकी गलती नहीं थी। और है अगर थी तो, उसकी किस्मत ख़राब थी, कि वो मेरे घर में जनम ली थी। खैर ये तो बहुत ही साधारण बात है। 

शादी करने के लिए लड़का मिला था। पांचवी तक पढ़ा हुआ था। पर भगवान की दी हुई उसके हाथ में मीठी का बर्तन बनाने की कला थी। सब बात हो गई थी। कुछ नहीं माँगा था बस इक्यावन लोगों को बारात में लेकर आने की बात तय हुई थी। बहुत मुश्किल से मालिक से कुछ पैसा उधार तो मिल गया पर लड़के वालों को शादी जल्दी करनी थी, धान की रोपाई से पहले शादी करनी थी। मुझे कोई दिक्कत नहीं थी पर मैं भी तो एक किसान ही था ना। अचानक से बारिश बहुत अच्छी होने का समाचार रेडियो पर आने लगा और कृषि विभाग के वैज्ञानिकों ने इस बार अनुमान लगाया कि बारिश अच्छे होने के कारण से धान की उपज बहुत अच्छी होने वाली है। मन में एक लालच-सा हुआ कि ऐसा करते हैं कि जो पैसा बचा के रखा है उससे धान की बीज ले लेते हैं और कुछ खाद भी खरीद के पहले खेती करते हैं, और छः से आठ महीने बाद जब फसल की कटाई हो जाएगी तो कुछ अधिक पैसा होने से बेटी की शादी भी अच्छे से कर लूँगा। 

लड़के वालों से बात करने के लिए मैं उनके घर गया। मैंने सारी व्यथा उनको बताई, उन्होंने कहा कि, "हम भी अपने बेटे की शादी इसीलिए जल्दी करवाना चाहते हैं ताकि बहू घर में आ जाए और लड़के की माँ बीमार रहती हैं तो बहु आकर खेती में कुछ मदद करे। " पर मेरे लाख समझाने के बाद वह लोग मान गए, मैं बहुत खुश होकर घर को आया और आते वक्त ही जो पैसे थे उनसे खेती के लिए बीज खाद सब खरीदते हुए आया। कुछ दिनों बाद बारिश होनी शुरु हो गई और हम खेती में लग गए। कुछ समय बाद धान की फसल बहुत अच्छी लहलहा रही थी, खेतों में बहुत खुशनुमा माहौल था और उम्मीद भी थी की बेटी की शादी बहुत अच्छे से कर लूँगा और दामाद को एक साइकिल भी दे दूँगा। 

औकात से बढ़कर इसलिए सोचा था क्योंकि इस साल फसल को देख कर कुछ सोचने और करने की हिम्मत आ गई थी, पर अचानक से न जाने कहाँ से उसी रात मूसलाधार बारिश, आँधी तूफान, मेरी किस्मत को किस दिशा में मोड़ने के लिए आ धमके। सारी फसल नष्ट हो गयी और हाथ में दो वक्त की रोटी खाने तक की गुंजाइश ना बची। कुछ नहीं बचा सब बर्बाद हो गया, शायद अधिक वर्षा होने के कारण से कोशिका बांध टूट गया होगा और सब की फ़सल, हम सबकी किस्मत को लेकर, समंदर में समा गई होगी।

कुछ नहीं बचा था तो सोचा कि जो भी है बचा हुआ कम से कम उससे बेटी की शादी तो कर लूँ, जब बारिश की लहर कुछ कम हुई तो मैं लड़के वालों के पास गया, जहाँ पर बेटी के शादी के लिए बात की थी। जब वहाँ गया तो वहाँ की हालत देखकर कुछ बोलने कुछ पूछने का मन नहीं किया, अपने कदमों को वहीं से वापस करके अपने घर के रास्ते को पकड़ लिया। लड़के ने पहले ही शादी कर ली थी। हाँ, जानता हूँ पाँच से छः महीने रुकना उनके लिए शायद मुश्किल रहा होगा, पर समय की ऐसी मार हमारे परिवार पर पड़ी कि ना तो फसल हुई, ना कुछ खाने के लिए बचा, और ना ही अपनी बेटी की शादी कर पाया। और ऊपर से साहूकार का कर्जा कुछ यूँ सर चढ़ गया की मन कर रहा था, अपनी जान ले लूँ। लेकिन जान ले भी लेता तो मेरी बीवी, मेरे बच्चे, उनका क्या होता। मुझे नहीं पता इतनी सारी घटना मेरे साथ क्यों हुई, पर इतना तो है कि भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती है, पर चोट बहुत लगती है। यह मेरी किस्मत की मार थी जिसने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा। clear

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