किस प्रकार की अभिक्रिया में अभिकारक अपने मूलकों का विनिमय करते हैं ?
Answers
आम जीवन में दृष्टिगोचर होने वाली कुछ प्रमुख रासायनिक अभिक्रियाएं इस प्रकार है:
श्वसन
दूध से दही बनना
लोहे पर जंग (या मोर्चा) लगना
खाना पकाना
जल जाना
प्रकाश संश्लेषण
बैटरियों द्वारा विद्युत उर्जा का उत्पादन
कच्चे तेल (क्रूड आयल) से प्लास्टिक का निर्माण
सिरका बनाना, शराब बनाना
फोटो खींचना (डिजिटल कैमरे से नहीं)
रासायनिक अभिक्रिया में एक या अधिक पदार्थ आपस में अन्तर्क्रिया (इन्टरैक्शन) करके परिवर्तित होते हैं और एक या अधिक भिन्न रासायनिक गुण वाले पदार्थ बनते हैं। किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिकारक (रिएक्टैन्ट्स) कहते हैं। अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न पदार्थों को उत्पाद(प्रोडक्ट्स) कहते हैं। लैवासिये के समय से ही ज्ञात है कि रासायनिक अभिक्रिया बिना किसी मापने योग्य द्रव्यमान परिवर्तन के होती है। (द्रव्यमान परिवर्तन अत्यन्त कम होता है जिसे मापना कठिन है)। इसी को द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहते हैं। अर्थात किसी रासायनिक अभिक्रिया में न तो द्रव्यमान नष्ट होता है न ही बनता है; केवल पदार्थों का परिवर्तन होता है।
परम्परागत रूप से उन अभिक्रियाओं को ही रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं जिनमें रासायनिक बन्धों को तोडने या बनाने में एलेक्ट्रानों की गति जिम्मेदार होती है।
डबल विस्थापन प्रतिक्रिया अभिकारक अपने मूलकों का विनिमय करते हैं
Explanation:
एक डबल विस्थापन प्रतिक्रिया एक प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रिया है जिसमें अभिकारक आयन नए उत्पादों के निर्माण के लिए स्थानों का आदान-प्रदान करते हैं।
आमतौर पर, एक डबल विस्थापन प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप गठन होता है।
अभिकारकों के बीच रासायनिक बंधन या तो सहसंयोजक या आयनिक हो सकते हैं।
एक डबल विस्थापन प्रतिक्रिया को एक डबल प्रतिस्थापन प्रतिक्रिया, नमक मेटाथेसिस प्रतिक्रिया या डबल अपघटन भी कहा जाता है।
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क्लोरोफॉर्म का रासायनिक सूत्र
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