किसी समारोह के उद्देश्य और उसके दृष्टिकोण को समझकर उसे प्रारंभ पूर्ण शब्दों में लिखो इन हिंदी
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संगठन (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है, तथा अपने पर्यावरण से जिसकी अलग सीमा होती है। संगठन तरह-तरह के हो सकते हैं - सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सैनिक, व्यावसायिक, वैज्ञानिक आदि।
संगठन, प्रबन्ध अध्ययन का एक उत्तेजक एवं चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। व्यवसाय में ही नहीं, बल्कि प्रत्येक क्षेत्र में सफलता का आधार सुदृढ़ संगठन एवं समन्वय व्यवस्था ही है। आज मनुष्य की सभी क्रियाएँ संगठन के अन्दर ही होती है। संगठन के बिना मानव जीवन की कोई भी क्रिया व्यवस्थित रूप से नहीं चल सकती है। हम संगठन में ही जन्म लेते हैं, शिक्षा प्राप्त करते हैं तथा हममें से अधिकांश लोग संगठन में ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं। संगठन के बिना प्रबन्ध वैसे ही प्रभावहीन है जैसे बिना आत्मा के शरीर।
संगठन इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि व्यक्ति अपना अत्यधिक समय उनमें व्यतीत करते हैं। मानव शक्ति अर्थात् वयस्क जनसंख्या अपने जीवन का एक-तिहाई समय संगठनों में व्यतीत करती है।
व्यवसाय में संगठन के महत्त्व को 'एण्ड्र्यू कार्नेगी' के 1901 में अपनी विशाल सम्पत्ति (United States Steel Corporation) को बेचते समय कहे गये कथन से समझा जा सकता है-
हमारी समस्त मुद्रा, महान कार्य, खाने तथा कोयले की भट्टियाँ यदि सब कुछ ले जाओ, किन्तु हमारा संगठन हमारे पास छोड़ दो। कुछ ही वर्षों में ही हम स्वयं को पुनः स्थापित कर लेंगे।
किसी भी व्यवसायिक उपक्रम को अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कुशल संगठन का निर्माण करना चाहिए। इस प्रकार स्पष्ट है कि संगठन व्यक्तियों के कार्य स्थल पर आपसी सम्बन्धों, भूमिकाओं व पद स्थितियों का ढांचा है, जिसके अन्तर्गत सभी व्यक्ति एक एकीकृत इकाई के रूप में संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति का प्रयास करते हैं।