किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य, आवृत्ति, आवर्त काल तथा आयाम से क्या अभिप्राय है?
Answers
उत्तर :
ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य, आवृत्ति, आवर्त काल तथा आयाम से अभिप्राय निम्न प्रकार से है:
ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य (wavelength) :
न्यूनतम दूरी जिसमें ध्वनि तरंग अपनी पुनरावृति करती है उसकी तरंगदैर्ध्य कहलाती है।
दो क्रमागत संपीड़नों (Compression) अथवा दो क्रमागत विरलनों (Rarefaction) के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। तरंगदैर्ध्य को λ (लैम्डा)" से निरूपित करते है । इस का एस. आई.(S.I) मात्रक मीटर (m) है।
आवृत्ति (frequency) :
1 सेकंड में उत्पन पूर्ण तरंगों (या चक्रों) की संख्या तरंग की आवृत्ति कहलाती है।
प्रति सेकंड कम्पनों की संख्या आवृत्ति कहलाती है।
यदि प्रति एकांक समय में अपने पास से गुजरने वाली संपीड़नों तथा विरलनों की संख्या की गिनती की जाए तो ध्वनि तरंग की आवृत्ति ज्ञात हो जाती है। इसका मात्रक हर्ट्ज़ है।
आवृत्ति को ‘ν’ से प्रदर्शित किया जाता है (ग्रीक अक्षर(न्यू)। कभी कभी आवृत्ति को अक्षर ‘f’ से भी प्रदर्शित किया जाता है।
आवर्त काल (time period) :
एक पूर्ण तरंग (या चक्र) उत्पन्न करने के लिए आवश्यक समय तरंग का आवर्तकाल कहलाता है।
दो क्रमागत संपीड़नों या दो विरलनों को किसी निश्चित बिन्दु से गुजरने में लगे समय को तरंग का आवर्त काल कहते हैं।
एक कंपन पूर्ण करने में लिया गया समय आवर्त काल कहलाता है।
आवर्त काल को अक्षर ‘T’ से निरूपित करते हैं।
आवर्त काल का एस. आई. (S.I) मात्रक सेकेंड (s) है।.
आवृत्ति तथा आवर्त काल में संबंध
आवृति = 1 / आवर्त काल
ν = 1/T
आयाम (amplitude) :
माध्यम के कणों का उनकी मूल अविक्षुब्ध स्थितियों से अधिकतम विस्थापन जब तरंग माध्यम से होकर गुजरती है, तरंग का आयाम कहलाता है
आयाम को अंग्रेजी के अक्षर ‘A’ से निरूपित करते हैं। इस का एस. आई. (S.I) मात्रक मीटर है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।