किस धर्म सुधारक की मृत्यु भारत के बाहर हुई थी ?
Answers
Answer:
राजा राम मोहन राय की मृत्यु भारत के बाहर हुई थी।
Explanation:
- राजा राम मोहन राय को 18वीं और 19वीं शताब्दी के भारत में उनके द्वारा लाए गए उल्लेखनीय सुधारों के लिए आधुनिक भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है।
- उनके प्रयासों में क्रूर और अमानवीय सती प्रथा का उन्मूलन सबसे प्रमुख था। पर्दा प्रथा और बाल विवाह को समाप्त करने में भी उनके प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
- 1828 में, राम मोहन राय ने कलकत्ता में ब्रह्मोस को एकजुट करते हुए ब्रह्म समाज का गठन किया, जो लोगों का एक समूह था, जो मूर्ति-पूजा में विश्वास नहीं करते थे और जाति प्रतिबंधों के खिलाफ थे।
- 1831 में मुगल सम्राट अकबर द्वितीय द्वारा उन्हें 'राजा' की उपाधि दी गई थी।
- 1833 में ब्रिस्टल, इंग्लैंड में रहने के दौरान उनकी मेनिन्जाइटिस से मृत्यु हो गई।
उत्तर:
इस प्रश्न का सही उत्तर राजा राम मोहन राय है। राजा राम मोहन राय सबसे महान धार्मिक सुधारकों में से एक थे। जिनकी मृत्यु भारत के बाहर हुई थी।
व्याख्या:
18वीं और 19वीं शताब्दी में भारत में लाए गए आश्चर्यजनक परिवर्तनों के कारण, राजा राम मोहन रॉय को आधुनिक भारतीय पुनर्जागरण का संस्थापक माना जाता है। सती के क्रूर और अमानवीय अभ्यास को समाप्त करने के उनके प्रयास सबसे उल्लेखनीय थे। बाल विवाह को समाप्त करने के उनके प्रयासों और पर्दा प्रथा दोनों ने एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। राम मोहन रॉय ने 1828 में कलकत्ता में ब्रह्मोस को एक साथ लाने के लिए ब्रह्म समाज का निर्माण किया, जो जाति की सीमाओं और मूर्ति पूजा का विरोध करने वाले व्यक्तियों का एक समूह था। मुगल सम्राट अकबर द्वितीय ने उन्हें 1831 में "राजा" की उपाधि दी।
18वीं और 19वीं सदी में भारत में किए गए अद्भुत सुधारों के कारण, राजा राम मोहन रॉय को आधुनिक भारतीय पुनर्जागरण के पिता के रूप में जाना जाता है।
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