किस विद्वान ने पूर्ण लोकतंत्र को लज्जाहीन धारणा तथा किस विद्वान ने पूर्ण लोकतंत्र को सर्वश्रेष्ठ शासन माना है?
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बर्क जैसे विद्वान ने पूर्ण लोकतंत्र को लज्जाहीन धारणा माना है तथा लॉवेज जैसे विद्वान ने पूर्ण लोकतंत्र को सर्वश्रेष्ठ शासन माना है।
दो विद्वानों की लोकतंत्र के बारे में दो विभिन्न राय लोकतंत्र के गुण और दोषों के कारण बनी होगी, क्योंकि एक लोकतंत्र की अपनी मर्यादा होती हैं तो एक लोकतंत्र की अपनी विशेषताएं भी होती है।
लोकतंत्र के गुणों में यह जनता द्वारा जनता के लिए चलने वाली एक शासन प्रणाली है जिसमें जनता का हित सर्वोपरि होता है। लोकतंत्र में समानता की धारणा सबसे प्रमुख होती है जो सभी लोगों को एक समान धरातल पर रखती है, जबकि लोकतंत्र के दोषों में विद्वान यह मानते हैं कि लोकतंत्र एक अयोग्य शासन है। क्योंकि इसमें हर वयस्क व्यक्ति को मतदान करने का अधिकार देता है और वयस्क व्यक्ति अशिक्षित भी हो सकता है। जिसे अच्छे बुरे प्रतिनिधि की पहचान ना हो। इस कारण वह गलत प्रतिनिधि को चुनकर शासन व्यवस्था में भेज सकता है। जो शासन प्रणाली के लिए नुकसानदायक हो।
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