कैसे व्यक्ति को पशु से भी अधिक तुच्छ माना गया है?
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सहृदयता नहीं होती, वे पशु से भी तुच्छ होते हैं। (ग) रैदास ने 'गरीब निवाजु' ईश्वर को कहा है। उनके अनुसार ईश्वर दीन-दयालु हैं, वे दोनों की रक्षा करते हैं।
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सहृदयता नहीं होती, वे पशु से भी तुच्छ होते हैं। (ग) रैदास ने 'गरीब निवाजु' ईश्वर को कहा है। उनके अनुसार ईश्वर दीन-दयालु हैं, वे दोनों की रक्षा करते हैं।
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