Economy, asked by chandresh8888, 2 months ago

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी अंखियों​

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Answered by 10102anjalichauhan
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Answer:

  • कृषि‍

कृषि‍ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ है जो न केवल इसलि‍ए कि‍ इससे देश की अधि‍कांश जनसंख्‍या को खाद्य की आपूर्ति होती है बल्‍कि‍ इसलि‍ए भी भारत की आधी से भी अधि‍क आबादी प्रत्‍यक्ष रूप से जीवि‍का के लि‍ए कृषि‍ पर नि‍र्भर है .वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपायों के द्वारा कृषि‍ उत्‍पादन और उत्‍पादकता में वृद्धि‍ हुई, जि‍सके फलस्‍वरूप एक बड़ी सीमा तक खाद्य सुरक्षा प्राप्‍त हुई । कृषि‍ में वृद्धि‍ ने अन्‍य क्षेत्रों में भी अधि‍कतम रूप से अनुकूल प्रभाव डाला जि‍सके फलस्‍वरूप सम्‍पूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था में और अधि‍कांश जनसंख्‍या तक लाभ पहुँचे । वर्ष 2010 - 11 में 241.6 मि‍लि‍यन टन का एक रि‍कार्ड खाद्य उत्‍पादन हुआ, जि‍समें सर्वकालीन उच्‍चतर रूप में गेहूँ, मोटा अनाज और दालों का उत्‍पादन हुआ । कृषि‍ क्षेत्र भारत के जीडीपी का लगभग 22 प्रति‍शत प्रदान करता है ।

Explanation:

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

  • भारत जीडीपी के संदर्भ में वि‍श्‍व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है । यह अपने भौगोलि‍क आकार के संदर्भ में वि‍श्‍व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्‍या की दृष्‍टि‍ से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधि‍त मुद्दों के बावजूद वि‍श्‍व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्‍वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्‍त करने की दृष्‍टि‍ से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्‍मूलन और रोजगार उत्‍पन्‍न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।
Answered by sonam8423
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Answer:

'कृषि' को भारतीय अर्थव्यवस्था की 'रीढ़ की हड्डी' माना जाता है। इस तथ्य के बावजूद कि भारत गणराज्य बनने के बाद से पिछले 6 दशकों में कृषि और कृषि की संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र में भारत ने जबरदस्त सफलता हासिल की है। कुल मिलाकर लगभग 65 प्रतिशत रोजगार कृषि द्वारा मिल रहे है। कृषि और इससे सम्बंधित गतिविधियां सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) में सबसे बड़ा योगदान देती हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 27 प्रतिशत है।

कृषि द्वारा गैर-कृषि क्षेत्र को कच्चे सामानों की थोक आपूर्ति की जाती है। यह उद्योगों के एक बड़े वर्ग को कच्चा माल प्रदान करता है। चीनी, चाय, सूती वस्त्र, जूट के सामान, वनस्पति तेल, आदि उद्योग नियमित रूप से कृषि द्वारा बोये जाते हैं। कई कुटीर उद्योग का संचालन कृषि पर निर्भर करता हैं। देश के विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा भंडार) में कृषि का योगदान भी काफी महत्वपूर्ण है। कृषि के भारत के निर्यात के कुल मूल्य का लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा है। कृषि विकास पर गरीबी उन्मूलन पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा है।

कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से 1960 के दशक के दौरान हरित क्रांति की शुरुआत की गई। गेहूं और अन्य अनाज की कृषि के लिए एचवाईवी बीजों की शुरूआत ने बहुत संतोषजनक परिणाम दिए हैं। कृषि वित्त, अकाल, और सिंचाई विधियों जैसे अन्य कारकों पर भी विचार किया गया। इन प्रयासों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक अच्छे तरीके से बढ़ावा दिया है।इस प्रकार, भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज में कृषि के महत्व को कभी अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।

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