क्षोभमंडलीय प्रदूषण को लगभग 100 शब्दों में समझाइए।
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क्षोभमंडलीय प्रदूषण को 100 शब्दों में निम्नलिखित रूप से स्पष्ट किया गया है।
•वायु में उपस्थित अवांछनीय ठोस अथवा गैस कणों के कारण जो प्रदूषण होता उसे क्षोभमंडलीय प्रदूषण कहते है।
•क्षोभमंडलीय प्रदूषक निम्न प्रकार के होते है।
•(क) गैसीय वायुप्रदूषक - ये सल्फर , नाइट्रोजन तथा कार्बन के ऑक्साइड , हाइड्रोजन सल्फाइड, हाइड्रोकार्बन, ओजोन तथा अन्य ऑक्सिकारक है।
सल्फर के ऑक्साइड - जीवाश्म, ईंधन के दहन के परिणाम स्वरूप सल्फर के ऑक्साइड उत्पन्न होते है।इसमें प्रमुख स्पीसीज सल्फर डाइऑक्साइड है।यह एक विषैली गैस है।सल्फर डाइऑक्साइड के कारण आंखे लाल हो जाती है तथा आंखों में जलन होती है। विभिन्न श्वसन रोग होते है जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि।
नाइट्रोजन के ऑक्साइड - डाइ नाइट्रोजन तथा डाई ऑक्साइड है।
हाइड्रोकार्बन - केवल कार्बन तथा हाइड्रोजन के बने होते है।
•(ख़) कणीकीय प्रदूषक - ये धूल , ध्रूम, कोहरा, फुहारा , धुआं आदि प्रकार के हैं।ये वायु में निलंभित सूक्ष्म ठोस कण अथवा द्रविय बूंद होते है।