‘कितना प्रामाणिक था उसका दुख’ इस पंक्ति में कवि ने माँ के दुख को माना है
(क) दिखावा
(ख) अनुचित
(ग) वास्तविक
(घ) औपचारिक
Answers
इस पंक्ति में कवि ने मा के दुख को वास्तविक माना है।
सही जवाब है...
(ग) वास्तविक
Explanation:
‘कितना प्रमाणिक था उसका दुख’ पंक्ति में कवि ने मां के दुख को वास्तविक माना है।
यह प्रश्न कन्यादान नामक कविता के पाठ से संबंधित है। इस कविता में कवि ने उस दृश्य का वर्णन किया है, जब एक मां अपनी बेटी का कन्यादान कर रही होती है। इन पंक्तियों में उपरोक्त पंक्तियों में कन्यादान के समय के मां के मनोभावों का वर्णन है। बेटियां पराया धन होती है और अपने विवाह के बाद वो मां बाप के लिए पराई हो जाती हैं।
जिस बेटी को कोई भी माता-पिता बड़े जतन से पाल पोस कर बड़ा करते हैं वह दूसरे घर चली जाती है और मां-बाप के लिए फिर एक मेहमान बन कर रह जाती है। इसलिए उस मां की वेदना और उस माँ की पीड़ा क्या होगी जिसने बड़े जतन से अपनी बेटी को पाल-पोस कर बड़ा किया और आखिर उसे अपनी बेटी को स्वयं से अलग कर दूसरे को सौंपना पड़ा। इसलिए कन्यादान करते समय मां का दुःख वास्तविक होता है कवि ने यही दर्शाने का प्रयत्न किया है।
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