History, asked by sarbeshwarmahto4109, 3 months ago

का दिल्ली का


खतुर्कान-ए-चहलगानी क्या था? इसका दमन किसने किया?
रजिया ने शासिका बनने के बाद कौन-सा पोशाक धारण किया?
घ. बलबन ने राज दरबार में किस ईरानी प्रथा की शुरुआत की?
सल्तनत काल में जमीन को कितने वर्गों में विभाजित किया गया
था? उसके नाम लिखिए।
च. मुहम्मद बिन तुगलक ने राजधानी परिवर्तित क्यों किया था?
छ. तुगलक व लोदी वंश के शासकों को झारखंड के किस राजवंश
कड़ी टक्कर दी?
एचा कर
दीन खिलजी द्वारा बाजार नियंत्रण के लिए किए गये प्रय​

Answers

Answered by omprasad206
0

Answer:

शम्सुद्दीन इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत में शम्सी वंंश का एक प्रमुख शासक था। तुर्की-राज्य संस्थापक कुतुब-उद-दीन ऐबक के बाद वो उन शासकों में से था जिससे दिल्ली सल्तनत की नींव मजबूत हुई। वह ऐबक का दामाद भी था। उसने 1211 इस्वी से 1236 इस्वी तक शासन किया। राज्याभिषेक समय से ही अनेक तुर्क अमीर उसका विरोध कर रहे थे। खोखरों के विरुद्ध इल्तुतमिश की कार्य कुशलता से प्रभावित होकर मुहम्मद ग़ोरी ने उसे “अमीरूल उमरा” नामक महत्त्वपूर्ण पद दिया था। अकस्मात् मुत्यु के कारण कुतुबद्दीन ऐबक अपने किसी उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं कर सका था। अतः लाहौर के तुर्क अधिकारियों ने कुतुबद्दीन ऐबक के विवादित पुत्र आरामशाह (जिसे इतिहासकार नहीं मानते) को लाहौर की गद्दी पर बैठाया, परन्तु दिल्ली के तुर्को सरदारों एवं नागरिकों के विरोध के फलस्वरूप कुतुबद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुतमिश, जो उस समय बदायूँ का सूबेदार था, को दिल्ली आमंत्रित कर राज्यसिंहासन पर बैठाया गया। आरामशाह एवं इल्तुतमिश के बीच दिल्ली के निकट जड़ नामक स्थान पर संघर्ष हुआ, जिसमें आरामशाह को बन्दी बनाकर बाद में उसकी हत्या कर दी गयी और इस तरह ऐबक वंश के बाद इल्बारी वंश का शासन प्रारम्भ हुआ

HOPE THIS HELPS YOU

Similar questions