केदारनाथ अग्रवाल के जीवन का परिचय लिखो।।।please help me in this question...
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केदारनाथ अग्रवाल (१ अप्रैल १९११ - २२ जून २०००) प्रमुख हिन्दी कवि थे। १ अप्रैल १९११ को उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के कमासिन गाँव में हनुमान प्रसाद गुप्ता व घसीटो देवी के घर हुआ था।
केदार जी के पिताजी स्वयं कवि थे और उनका एक काव्य संकलन ‘मधुरिम’ के नाम से प्रकाशित भी हुआ था। केदार जी का आरंभिक जीवन कमासिन के ग्रामीण माहौल में बीता और शिक्षा दीक्षा की शुरूआत भी वहीं हुई। तदनंतर अपने चाचा मुकुंदलाल अग्रवाल के संरक्षण में उन्होंने शिक्षा पाई। क्रमशः रायबरेली, कटनी, जबलपुर, इलाहाबाद में उनकी पढ़ाई हुई। इलाहाबाद में बी.ए. की उपाधि हासिल करने के पश्चात् क़ानूनी शिक्षा उन्होंने कानपुर में हासिल की। तत्पश्चात् बाँदा पहुँचकर वहीं वकालत करने लगे थे।[1]
केदारनाथ का इलाहाबाद से गहरा रिश्ता था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान ही उन्होंने कविताएँ लिखने की शुरुआत की। उनकी लेखनी में प्रयाग की प्रेरणा का बड़ा योगदान रहा है। प्रयाग के साहित्यिक परिवेश से उनके गहरे रिश्ते का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी सभी मुख्य कृतियाँ इलाहाबाद के परिमल प्रकाशन से ही प्रकाशित हुई। प्रकाशक शिवकुमार सहाय उन्हें पितातुल्य मानते थे और 'बाबूजी' कहते थे। लेखक और प्रकाशक में ऐसा गहरा संबंध ज़ल्दी देखने को नहीं मिलता। यही कारण रहा कि केदारनाथ ने दिल्ली के प्रकाशकों का प्रलोभन ठुकरा कर परिमल से ही अपनी कृतियाँ प्रकाशित करवाईं। उनका पहला कविता संग्रह फूल नहीं रंग बोलते हैं परिमल से ही प्रकाशित हुआ था। जब तक शिवकुमार जीवित थे, वह प्रत्येक जयंती को उनके निवास स्थान पर गोष्ठी और सम्मान समारोह का आयोजन करते थे।