Political Science, asked by lavkushkumar74, 1 month ago

केदारनाथ सिंह बनाम बिहार राज मामला किससे संबंधित है​

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Answered by itsPapaKaHelicopter
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उत्तर.वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह का मामला रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केदारनाथ बनाम बिहार राज्य केस (1962) का हवाला दिया। पांच सदस्‍यीय बेंच के वह फैसला ऐसे मामलों में हर पत्रकार की ढाल बनता है। 1962 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था केदारनाथ सिंह मामले में फैसला।

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Answered by gyaneshwarsingh882
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Answer:

Explanation:

Vinod Dua Sedition Case: वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह का मामला रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केदारनाथ बनाम बिहार राज्य केस (1962) का हवाला दिया। पांच सदस्‍यीय बेंच के वह फैसला ऐसे मामलों में हर पत्रकार की ढाल बनता है।

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर राजद्रोह का केस रद्द कर दिया। दुआ पर अपने यूट्यूब चैनल में मोदी सरकार पर कुछ टिप्पणियों के लिए शिमला, हिमाचल प्रदेश में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। उन्होंने इसके खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत में अपील की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्राथमिकी और कार्यवाही को रद्द कर दिया। कोर्ट ने 1962 के केदारनाथ बनाम बिहार राज्य केस का हवाला देकर दुआ को दोषमुक्त करते हुए कहा कि केदार नाथ सिंह के फैसले के अनुसार हर पत्रकार की रक्षा की जाएगी। जानिए आखिर क्या है पत्रकारों को प्रोटक्शन देने वाला सुप्रीम कोर्ट का 1962 का यह फैसला और कोर्ट ने कब-कब किसे नहीं माना है राजद्रोह....

केदारनाथ बनाम बिहार राज्यः 'सरकार पर टिप्पणी राजद्रोह नहीं '

1962 में सुप्रीम कोर्ट ने केदारनाथ बनाम बिहार राज्य के वाद में महत्वपूर्ण व्यवस्था दी थी। अदालत ने कहा था कि सरकार की आलोचना या फिर प्रशासन पर कॉमेंट करने से राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता। राजद्रोह का केस तभी बनेगा जब कोई भी वक्तव्य ऐसा हो जिसमें हिंसा फैलाने की मंशा हो या फिर हिंसा बढ़ाने का तत्व मौजूद हो

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