(क)- 'उत्साह' कविता के आधार पर बताइए कि बादलों में वज्र छिपा होने से कवि का क्या आशय है?
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हे नवजीवन प्रदान करने वाले बादल रूपी कवि! तुम्हारे हृदय में बिजली की कांति और वज्र के समान कठोर गर्जना छिपी हुई है। तुम अपनी बिजली की चमक और भीषण गर्जना से जनमानस में एक नई चेतना का संचार कर दो। कवि बादल के गर्जने का आह्वान करता है।
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