क) वास्तव में हम प्रकृति की संतान है और प्रकृति हमारी पोषक - रक्षक। पर
हमने उसे मात्र भोग्य समझा, उस पर अपना प्रभुत्व जमाना चाहा।
i) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
ii) उपर्युक्त गद्यांश की व्याख्या कीजिए |
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2 hamne parkirti ko kush nhi smja jv ke vo hmari maa ha janni ha ham uske bche ha vo hme palti poshti ha ham tree kaat kr use dukh pohnchate ha hme jeh nhi krna chahiye
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