(क) "विश्वासपात्र मित्र से भारी रक्षा होती है। जिसे ऐसा मित्र मिल जाये, उसे
समझना चाहिए कि खजाना मिल गया। विश्वास पात्र मित्र जीवन की एक
औषधी है। हमें अपने मित्रों से ये आशा रखनी चाहिए कि वे उत्तम संकल्पों
से हमें दृढ़ करेंगे, दोषों और त्रुटियों से हमें बचायेंगे, हमारे सत्य पवित्रता और
मयार्दा के प्रेम को पुष्ट करेंगे, जब हम कुमार्ग पर पैर रखेंगे तब वे हमे सचेत
करेंगे, जब हम हतोत्साहित होगें, तब वे हमें उत्साहित करेंगे।
(1) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(2) रेखाकिंत अंश की व्याख्या कीजिए।
(3) लेखक ने अच्छे मित्र के क्या-क्या कर्त्तव्य बताए हैं।
P. नताशागोजताता-A
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I do not know hindi
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Rekha ki answer ki vyakhya
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