काव्यांश के आधार पर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए-जिस जिस से पथ पर स्नेह मिला उस –उस राही को धन्यवाद जीवन अस्थिर अनजाने ही हो जाता पथ पर मेल कहीं सीमित पग-डग लंबी मंजिल,तय कर लेना कुछ खेल नहीं |दाएँ-बाएँ सुख-दुख चलतेसम्मुख चलता पथ का प्रमाद,जिस-जिससे पथ पर स्नेह मिला उस उस राही को धन्यवाद |साँसों पर अवलंबित काया,जब चलते-चलते चूर हुई |दो स्नेह शब्द मिल गए,मिली नव स्फूर्ति,थकावट दूर हुई |पथ के पहचाने छूट गए,पर साथ-साथ चल रही यादें |जिस-जिससे पथ पर स्नेह मिला उस-उस रही को धन्यवाद |कवि किस-किस राही को धन्यवाद देना चाहता है ? 1जाने-पहचाने लोगों का साथ छूट जाने पर भी कवि के साथ अब कौन चल रहा है ? 1जीवन पथ पर कवि का साथ कौन-कौन दे रहे हैं ? 1कवि राही को धन्यवाद क्यों देना चाहता है ? 2कवि की जीवन-यात्रा की सुखद-समाप्ति का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए| 2जीवन रूपी डगर पर कौन चलतें हैं
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kavi jis jis se path par Prem mila unhe dhanyavad Dena chahata hai
2.kavi ke sath yaden chal rahi hai
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