क्या आपको लगता है कि जल हि जीवन है कयों?
Answers
Answered by
3
yes water is only the life because it give us energy to do work and all things . it helps in excretion and many other things conducted in our body . if no water then no life. whole earth will start dieing .
siyakundan:
I am sorry but I want in hindi
Answered by
3
हिंदू धर्म वास्तव में एक वैज्ञानिक धर्म है | हमारे धार्मिक ग्रथों से लेकर हमारे साहित्य , दर्शन , ज्योतिष शास्त्र , समाज शास्त्र एवं विज्ञान और स्वास्थ्य विज्ञान ( आयुर्वेद ) में भी किसी भी विषय को समझाने के लिए प्रतीकों का प्रयोग बहुतायत से किया जाता है | और इन प्रतीकों का कोई ठोस व तार्किक पक्ष अवश्य ही इनसे जुड़ा होता है |
यही कारण है कि मेरे मन मे यह प्रश्न उठा कि
जल ही क्यों जीवन है ?
हम पांच तत्व और आत्मा के बारे मे विचार भी करें कि क्या इन्हें जीवन कह सकते हैं ?
जीवन के साथ कुछ विशेषण भी जोड़े जाते हैं जैसे जीवन चक्र ______जीवन ….चलने का नाम
यानि ….जीवन कभी रुकता नहीं सदा गतिमान है और इस मृत्युलोक मे जीवन की स्वाभाविक परिणिति मृत्यु है |
लेकिन मृत्यु के साथ जीवन समाप्त नहीं होता , मृत्यु के बाद भी जीवन चलता है |
तभी इसे जीवन चक्र की संज्ञा दी गयी है |अर्थात ….जहाँ से चले फिर वहीँ पहुँच गए |
अब क्या पञ्च तत्व और आत्मा जीवन के चलायमान होने और जीवन के चक्र होने की शर्त पूरा करते हैं ?
पृथ्वी को ही लें | पृथ्वी सदा गतिमान है |स्वयं अपनी धुरी पर चलती है और एक दिन मे चक्र पूरा करती है एवं एक वर्ष में सूर्य का एक चक्र पूरा कर लेती है
फिर ..!! “पृथ्वी ही जीवन है” ………….क्यों नहीं ?
वायु भी सदा चलती है | इतना ही नहीं वायु के बिना तो जीवन की कल्पना असंभव लगती है | व्यक्ति जल के बिना तो शायद कुछ देर जीवित रह ले परन्तु सांस( वायु ) लिए बिना तो एक पल भी जीवित नहीं रह सकता |
पित्तं पंगु कफः पंगु पंगवः मलधातवः
वायुना यत्र नीयन्ते तत्र गच्छन्ति मेघवत्
फिर
“वायु ही जीवन है” …………..क्यों नहीं ?
ऐसे ही अग्नि _ अग्नि है तो ऊर्जा है
ऊर्जा है तो गति है …….गति है तो जीवन है | पृथ्वी जल वायु , आकाश आदि तत्व भी बिना ऊर्जा के व्यर्थ हैं अर्थात जीवन शून्य |
फिर …….? अग्नि ही जीवन है ……….क्यों नहीं ?
ऐसे ही आकाश मे सब समाहित हैं किसी भी वस्तु , विषय को ग्रहण करने के लिए आकाश अर्थात space बहुत आवश्यक है | अगर आपके पास जगह या space ही नहीं तो कुछ भी नहीं | जैसे घर बनाने के लिया सबसे पहली शर्त जगह / स्थान है वैसे ही शरीर बनाने के लिए आकाश |
फिर ..:आकाश ही जीवन है” ………..क्यों नहीं ?
चलिए मान लेते हैं सब का अपना अपना महत्व है सब बराबर हैं | शरीर पृथ्वी जल वायु आकाश अग्नि सब तत्वों के यथोचित सुमेल से बना है |
यही कारण है कि मेरे मन मे यह प्रश्न उठा कि
जल ही क्यों जीवन है ?
हम पांच तत्व और आत्मा के बारे मे विचार भी करें कि क्या इन्हें जीवन कह सकते हैं ?
जीवन के साथ कुछ विशेषण भी जोड़े जाते हैं जैसे जीवन चक्र ______जीवन ….चलने का नाम
यानि ….जीवन कभी रुकता नहीं सदा गतिमान है और इस मृत्युलोक मे जीवन की स्वाभाविक परिणिति मृत्यु है |
लेकिन मृत्यु के साथ जीवन समाप्त नहीं होता , मृत्यु के बाद भी जीवन चलता है |
तभी इसे जीवन चक्र की संज्ञा दी गयी है |अर्थात ….जहाँ से चले फिर वहीँ पहुँच गए |
अब क्या पञ्च तत्व और आत्मा जीवन के चलायमान होने और जीवन के चक्र होने की शर्त पूरा करते हैं ?
पृथ्वी को ही लें | पृथ्वी सदा गतिमान है |स्वयं अपनी धुरी पर चलती है और एक दिन मे चक्र पूरा करती है एवं एक वर्ष में सूर्य का एक चक्र पूरा कर लेती है
फिर ..!! “पृथ्वी ही जीवन है” ………….क्यों नहीं ?
वायु भी सदा चलती है | इतना ही नहीं वायु के बिना तो जीवन की कल्पना असंभव लगती है | व्यक्ति जल के बिना तो शायद कुछ देर जीवित रह ले परन्तु सांस( वायु ) लिए बिना तो एक पल भी जीवित नहीं रह सकता |
पित्तं पंगु कफः पंगु पंगवः मलधातवः
वायुना यत्र नीयन्ते तत्र गच्छन्ति मेघवत्
फिर
“वायु ही जीवन है” …………..क्यों नहीं ?
ऐसे ही अग्नि _ अग्नि है तो ऊर्जा है
ऊर्जा है तो गति है …….गति है तो जीवन है | पृथ्वी जल वायु , आकाश आदि तत्व भी बिना ऊर्जा के व्यर्थ हैं अर्थात जीवन शून्य |
फिर …….? अग्नि ही जीवन है ……….क्यों नहीं ?
ऐसे ही आकाश मे सब समाहित हैं किसी भी वस्तु , विषय को ग्रहण करने के लिए आकाश अर्थात space बहुत आवश्यक है | अगर आपके पास जगह या space ही नहीं तो कुछ भी नहीं | जैसे घर बनाने के लिया सबसे पहली शर्त जगह / स्थान है वैसे ही शरीर बनाने के लिए आकाश |
फिर ..:आकाश ही जीवन है” ………..क्यों नहीं ?
चलिए मान लेते हैं सब का अपना अपना महत्व है सब बराबर हैं | शरीर पृथ्वी जल वायु आकाश अग्नि सब तत्वों के यथोचित सुमेल से बना है |
Similar questions
Physics,
8 months ago
Hindi,
8 months ago
Social Sciences,
1 year ago
Biology,
1 year ago
Math,
1 year ago