Political Science, asked by kumarvinod51255, 2 months ago

क्या आपके विचार में भारतीय लोकतंत्र जाति पर आधारित है। इस कथन का मूल्यांकन कीजिए।​

Answers

Answered by priyanshukumari202
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Answer:

नहीं बिल्कुल नहीं, क्योंकि भारतीय लोकतंत्र में सारी चीजें सिर्फ और सिर्फ जनता के लिए ही होता है और जनता कभी भी अपना प्रतिनिधि एक ऐसे आदमी को बिल्कुल भी नहीं चुनेगा जो सिर्फ उसके जाति या समाज से सम्बंधित हो और वह सम्पूर्ण समाज या प्रान्त के लिए उपयुक्त नही हो।

बहुत से लोगों के दिमाग में यह बात है कि किसी चुनाव क्षेत्र में किसी एक जाति का बाहुल्य है, लेकिन भारत में ऐसा कोई चुनाव क्षेत्र नहीं है. ज़्यादातर चुनाव क्षेत्रों में आप देखें कि पांच, छह, सात या आठ तक जातियां होती हैं और मुख्य प्रत्याशी दो ही होते हैं.

इसलिए मतदाता की नज़र से देखें तो उनके लिए जाति के आधार पर मतदान करना मुश्किल हो जाता है. ऐसा नहीं है कि वह करना नहीं चाहता लेकिन प्रत्याशी दो हैं और जातियां चार से सात-आठ हैं. इसलिए जाति के आधार पर मतदान मुश्किल हो जाता है.

अगर जाति की भूमिका है तो वह टिकट देने में, पार्टी पदाधिकारी चुनने में, एजेंट चुनने में ही है. मतदाता की नज़र से देखें तो इसका कोई मतलब नहीं है.

हां ग्राम पंचायत में जाति की भूमिका हो सकती है क्योंकि यह हो सकता है कि किसी गांव में किसी एक जाति का बहुमत हो. लेकिन आप दूसरे गांव में जाएंगे, जो सड़क के उस पार भी हो सकता है, तो आप देखेंगे कि वहां किसी और जाति का बहुमत है.

इस प्रकार उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय लोकतंत्र जाति पर आधारित नहीं है यह केवल एक प्रकार का भ्रम है।

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