क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकते हैं?
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वर्तमान समय में बड़े शहरों और महानगरों में संचार साधनों के तेज विकास तथा अन्य कारणों से पत्रों की आवाज आई पूरी तरह से प्रभावित हुई है लेकिन गांव की दुनिया आज भी पत्रों पर चल रही है। फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ने शहरों में तो पत्रों के महत्व को कम किया है लेकिन देश का अभी भी बहुत बड़ा ग्रामीण भाग पत्रों पर ही निर्भर और आश्रित है। आज पारिवारिक डाक की अपेक्षा व्यापारिक डाक की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन भविष्य में तकनीकी विकास के चलते फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल आदि चिट्ठियों की जगह ले सकते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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पत्रों का चलन न कभी कम हुआ था, न कभी कम होगा। चिट्ठियों की जगह कोई नहीं ले सकता है। पत्र लेखन एक साहित्यिक कला है परन्तु फेक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल जैसे तकनीकी माध्यम केवल काम-काज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं। आज ये आवश्यकताओं में आते हैं फिर भी ये पत्र का स्थान नहीं ले सकते हैं।
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