क्यों हूक पड़ी?
वेदना बोझ वाली-सी;
कोकिल बोलो तो!
क्या लूटा?
Answers
Answer:
इन पंक्तियों में कवि ने कोयल के स्वर में निहित वेदना को बोझ के सामान बताकर, पराधीन भारतवासियों के मन में छुपी वेदना की तरफ इशारा किया है। जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानी कोयल की आवाज़ में दर्द का अनुभव करता है। उसे ऐसा लगता है कि कोयल ने अँग्रेज़ सरकार द्वारा किये जाने वाले अत्याचार को देख लिया है। इसीलिए उसके कंठ से मीठी एवं मधुर ध्वनि के बजाय वेदना का स्वर सुनाई पड़ रहा है, जिसमें कोयल के दर्द की हूक शामिल है। कवि के अनुसार कोयल अपनी वेदना सुनाना चाहती है।
इसीलिए कवि कोयल से पूछ रहा है – कोयल! बोलो तो तुम्हारा क्या लूट गया है, जो तुम्हारे कंठ से वेदना की ऐसी हूक सुनाई पड़ रही है? कोयल तो सबसे मीठी एवं सुरीली आवाज के लिए विख्यात है, जिसे गाते हुए सुनकर कोई भी मनुष्य प्रसन्न हो उठता है। लेकिन, जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानी को कोयल की आवाज़ ना तो सुरीली लगी और न ही मीठी लगी, बल्कि उसे कोयल की आवाज़ में दुःख और वेदना की अनुभूति हुई। इसीलिए वह व्याकुल हो उठा और कोयल से बार-बार पूछने लगा कि बताओ कोयल तुम्हारे ऊपर क्या विपदा आई है?।