Sociology, asked by Varadnb317, 11 months ago

क्या मंत्रिमंडल की सलाह राष्ट्रपति को हर हाल में माननी पड़ती है? आप क्या सोचते हैं? अपना उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में लिखें।

Answers

Answered by dualadmire
21

हमारे देश के संविधान के अनुसार देश के राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल की सलाह मानने के लिए दो मौके दिए जाते हैं।

अगर राष्ट्रपति के पास मंत्रिमंडल द्वारा भेजी गई किसी भी सलाह को राष्ट्रपति सही या उचित नहीं मानता है तो वह उसे मंत्रिमंडल को वापस उनके सोच विचार के लिए भेज सकता है।

अगर मंत्रिमंडल उस सलाह को राष्ट्रपति के अनुसार बदल देता है या फिर नहीं बदले तो भी वह राष्ट्रपति के पास फिर से अर्ज़ी लगा सकता है। और तब दूसरी बार राष्ट्रपति को वह सलाह माननी ही पड़ती है।

परन्तु इसके अलावा राष्ट्रपति के पास एक ताकत होती है जिसे हम पॉकेट वीटो कहते हैं और इसके ज़रिए राष्ट्रपति जिस अर्ज़ी को चाहे अपने पास रख सकता है बिना उसे पास किए।

Answered by namanyadav00795
8

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति को कार्यो में सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिमंडल होगा |

42 वें संविधान संशोधन के अनुसार राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल की सलाह अनिवार्य रूप से माननी होगी |

इसके बाद 44 वें संविधान संशोधन में यह निशिचत किया गया कि राष्ट्रपति प्रथम बार में मंत्रिमंडल की सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं है | राष्ट्रपति उस सलाह को विचार-विमर्श के लिए वापस भेज सकता है |

परन्तु मंत्रिमंडल के विचार-विमर्श करने के बाद दूसरी बार दी गयी सलाह को मानने के लिए राष्ट्रपति बाध्य है |

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