न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए संविधान के विभिन्न प्रावधान कौन-कौन से हैं?
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Answer with Explanation:
न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए संविधान के विभिन्न प्रावधान निम्नलिखित हैं :
न्यायाधीशों की नियुक्ति :
सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है । राष्ट्रपति न्यायाधीशों की नियुक्ति अपनी इच्छा से नहीं करता बल्कि उसे सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के अनुसार ही कार्य करना पड़ता है।
न्यायाधीशों की योग्यताएं :
संविधान में सर्वोच्च न्यायालय तथा अन्य न्यायालयों के न्यायाधीशों की योग्यताओं का वर्णन किया गया है। राष्ट्रपति उन्हीं व्यक्तियों को न्यायाधीश नियुक्त कर सकता है जिनके पास निश्चित योग्यताएं हैं।
लंबा कार्यकाल :
न्यायाधीशों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के लिए लंबी सेवा अवधि का होना आने वाली है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष तक अपने पद पर रह सकते हैं।
पद की सुरक्षा : भारत में न्यायाधीशों के पद की सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था की गई है । उन्हें पद से हटाने की विधि को अत्यंत कठिन बनाया गया है।
अच्छा वेतन :
सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को वेतन काफ़ी अच्छा दिया जाता है और उनके कार्यकाल में वेतन में कटौती नहीं की जा सकती।
पेंशन :
सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को रिटायर होने के बाद पेंशन दी जाती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के विभिन्न तरीके कौन-कौन से हैं? निम्नलिखित में जो बेमेल हो उसे छाँटे। (क) सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से सलाह ली जाती है। (ख) न्यायाधीशों को अमूमन अवकाश प्राप्ति की आयु से पहले नहीं हटाया जाता l (ग) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का तबादला दूसरे उच्च न्यायालय में नहीं किया जा सकता। (घ) न्यायाधीशों की नियुक्ति में संसद की दखल नहीं है।
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क्या न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ यह है कि न्यायपालिका किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है। अपना उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में लिखें।\
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