क्यूरी तापमान की टिप्पणी
Answers
Explanation:
क्यूरी ताप-वह ताप जिस पर या जिसके नीचे के ताप पर लौह-चुम्बकीय पदार्थ लौह-चुम्बकीय पदार्थ की तरह व्यवहार करता है तथा उससे ऊपर के ताप पर लौह-चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है, उस ताप को क्यूरी ताप कहते हैं। इसको हम TC से प्रदर्शित करते हैं।
क्यूरी तापमान पर टिप्पणी : क्यूरी ताप से तात्पर्य उस ताप है, जिसमें जब कोई लौह चुंबकीय पदार्थ को गर्म किया जाता है, तो ताप का एक ऐसा बिंदु आता है, जब वह लौह चुंबकीय पदार्थ अनुचुंबकीय पदार्थ में बदल जाता है। इसी ताप को क्यूरी ताप कहते हैं।
व्याख्या :
'क्यूरी' ने अनेक प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध किया कि जब किसी लौह चुंबकीय पदार्थ को गर्म किया जाए, तो ऊष्मा के प्रभाव के कारण वह लौह चुंबकीय पदार्थ में पाए जाने वाली डोमेन संरचना नष्ट होने लगती है। निरंतर ताप बढ़ाने पर वह डोमेन संरचना पूरी तरह नष्ट हो जाती है और वह लौह चुंबकीय पदार्थ अनुचुंबकीय पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है।
यदि ताप को हटा लिया जाए तो ठंडा होने पर वह चुंबकीय पदार्थ पुनः अनुचुंबकत्व का गुण प्राप्त कर लेता है, वह लौह चुंबकीय पदार्थ में बदल जाता है।
ताप का यही बिंदु जिसमें कोई लौह चुंबकीय पदार्थ अनुचुंबकीय पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है, क्यूरी ताप कहलाता है।
#SPJ3