Hindi, asked by Mansit5184, 11 months ago

कबीर के अनुसार मूर्ख का साथ क्यों नहीं करना चाहिए?

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Answered by Anonymous
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कबीरदास के अनुसार :-

" मुरिष संग न कीजिए , लोहा जल न तराई ।

कदली सीप भुवंग मुख, एक बूंद तिहूं भाई ।।"

कबीर की उपयुक्त पनक्ती के माध्यम से , मूर्ख

का साथ नहीं करना चाहिए कि बात कहते है ।

वह ऐसा इसलिए कहते है क्योंकि , ' संगति '

एक ऐसा चीज है जो किसी को अपने जाल में

फंसा लेती है । अतः संगति के कारण ही हम

अच्छे या बुरा बनते है ।इसलिए अगर , हम

मूर्ख का साथ करेंगे , उनको अपना दोस्त

बनाएंगे तो हम भी मूर्ख बन जाएंगे । अतः

लोहा तो पानी में तैर नहीं सकता। उसी प्रकार

किसी मूर्ख को सुधारने का प्रयोग , प्रयास नहीं

करना चहिए।

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