Hindi, asked by 50512019, 2 months ago

कबीर का जन्म 1398 में काशी में हुआ माना जाता है। गुरु रामानंद के शिष्य
कबीर ने 120 वर्ष की आयु पाई। जीवन के अंतिम कुछ वर्ष मगहर में बिताए
और वहीं चिरनिद्रा में लीन हो गए।
कबीर का आविर्भाव ऐसे समय में हुआ था जब राजनीतिक, धार्मिक और
सामाजिक क्रांतियाँ अपने चरम पर थीं। कबीर क्रांतदर्शी कवि थे। उनकी कविता
में गहरी सामाजिक चेतना प्रकट होती है। उनकी कविता सहज ही मर्म को छू
लेती है। एक ओर धर्म के बाह्याडंबरों पर उन्होंने गहरी और तीखी चोट की है
तो दूसरी ओर आत्मा-परमात्मा के विरह-मिलन के भावपूर्ण गीत गाए हैं। कबीर
शास्त्रीय ज्ञान की अपेक्षा अनुभव ज्ञान को अधिक महत्त्व देते थे। उनका विश्वास
सत्संग में था और वे मानते थे कि ईश्वर एक है, वह निर्विकार है, अरूप है।
कबीर की भाषा पूर्वी जनपद की भाषा थी। उन्होंने जनचेतना और जनभावनाओं
को अपने सबद और साखियों के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाया।​

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Answered by devil2220
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Answer:

तुम न आए तो क्या सहर न हुई

हाँ मगर चैन से बसर न हुई

मेरा नाला सुना ज़माने ने

एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई, k

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