कबीर की साखी के आधार पर लिखित कि ईश्वर कहां है ? हम उसे क्यो नही देख पाते.
Answers
Answered by
17
Explanation:
हमारा मन अज्ञानता, अहंकार, विलासिताओं में डूबा है। ईश्वर सब ओर व्याप्त है। वह निराकार है। हम मन के अज्ञान के कारण ईश्वर को पहचान नहीं पाते। कबीर के मतानुसार कण-कण में छिपे परमात्मा को पाने के लिए ज्ञान का होना अत्यंत आवश्यक है। अज्ञानता के कारण जिस प्रकार मृग अपने नाभि में स्थित कस्तूरी पूरे जंगल में ढूँढता हैं, उसी प्रकार हम अपने मन में छिपे ईश्वर को मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सब जगह ढूँढने की कोशिश करते हैं।
.
hope it helps you
Answered by
17
Answer:
कबीर जी के अनुसार ईश्वर संसार के कण कण में समाया हुआ है। जिस प्रकार हिरण अपनी नाभि में विद्यमान कस्तूरी को जंगल में इधर उधर खोजता रहता है, वह इस सच्चाई से अंजान होता है ठीक उसी प्रकार मनुष्य भी ईश्वर को इधर उधर खोजता रहता है। वह भी अंजान है कि ईश्वर उसके ह्रदय में वास करता है।
हम ईश्वर को इसलिए नहीं देख पाते क्योंकि वह निर्विकार है,अरूप है।
HOPE IT WILL HELP YOU .
MARK ME AS BRAINLIEST ☺️
Similar questions