Hindi, asked by sandraa28, 7 months ago

कबीर की साखियों में किन भाषाओं का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है ?​

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Answered by shishir303
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कबीर की साथियों में अवधी, राजस्थानी, भोजपुरी, ब्रजभाषा, पंजाबी, खड़ी बोली, अरबी, फारसी लगभग सभी भाषाओं का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है।

कबीर की भाषा सधुक्कड़ी भाषा रही है। सधुक्कड़ी भाषा मिश्रित भाषा होती है, जिसमें अरबी, फारसी, पंजाबी, बुंदेलखंडी, ब्रजभाषा, खड़ी बोली आदि सभी तरह के भाषाओं के शब्द मिल जाते हैं। इस तरह की भाषा को पंचमेल खिचड़ी या साधुक्कड़ी भाषा कहा जाता है।

कबीर के पदों की आम बोलचाल की भाषा सधुक्कड़ी भाषा रही है और उनके पदों में व्यंग्य और कटाक्ष भरपूर मिलता है, जो उन्होंने बाहरी आडंबर और दिखावे से दूर रहने पर जोर दिया है।

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