कबीर ने 'निंदक के महत्त्व का किस प्रकार वर्णन किया है ?
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निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय। ... कबीर जी कहते हैं ऐसे लोगों को हमें अपने करीब रखना चाहिए क्योंकि वे तो बिना पानी, बिना साबुन हमें हमारी नकारात्मक आदतों को बताते हैं जिससे हम उन नकारात्मक विचारों को सुधार कर सकारात्मक बना सकते हैं।
Hope it helps
@jayanti3347
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