Hindi, asked by rs1671754, 7 months ago

कबीर दास ने गुरु को क्या महत्व प्रदान किया है​

Answers

Answered by varmajanu71722
3

Answer:

कबीर ने ऐसे ज्ञान के लिए गुरु की आवश्यकता स्वीकार की है. गुरु सैद्धन्तिक ज्ञान के साथ प्रयोगात्मक ज्ञान का भी धनी होता हैं. वह श्रवण और मनन के साथ दर्शन भी करता है. वास्तव में ऐसा ही गुरु, गुरु बनने के योग्य है.

Answered by Anonymous
5

\huge\mathcal{\fcolorbox{cyan}{black}{\pink{❥ᴀ᭄ɴsᴡᴇʀ࿐}}}

उनका एक ही सिद्धांत है-बोलो, तो ढंग का बोलो। वरना चुप रहो। ऐसा न समझिए, कि वे अकसर चुप रहते हैं। नहीं, वे अकसर बोलते पाए जाते हैं। और जब भी बोलते हैं-किसी-न-किसी राष्ट्रीय समस्या पर चिंता प्रकट करते पाए जाते हैं। उनका व्यक्तित्व गंभीर है। यदि कोई उनकी बात न सुन रहा हो तो वे उस पर व्यंग्य कसने लगते हैं। और अगर कोई और बीच में बोलना शुरू कर दे तो उसकी ओर से मुँह मोड़कर उबासी लेने लगते हैं।

Similar questions