कब सौं हेरत दीन हवै होत न तदपि सहाय
तुमहूँ लागी जगद्गुरु जगनायक जग बाय।
plz tell meaning of this sentence
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हे श्याम, मैं कब से दीन होकर तुम्हें पुकार रहा हूँ किन्तु आप मेरी सहायता नहीं कर रहे हैं। हे जग-गुरु, जगनायक क्या आपको भी इस संसार की हवा लग गई है?
##बिहारी के दोहे
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