कभी अचानक भूतों का-सा प्रकट विकट महा-आकार।' कड़क-कड़क जब हँसते थर्रा उठता है संसार। फिर परियों के बच्चों से सुभग सीप के पंख पसार। समुद तैरते शुचि ज्योत्स्ना में, पकड़ इंदु के कर सुकुमार। ................................................... प्रश्न - ३४ बादल कैसे प्रकट होते हैं?
जानवरों के समान
राक्षसों के समान
मनुष्यों के समान।
भूतों के समान
Clear selection
प्रश्न - ३५ संसार कब भयभीत हो उठता है?
बादलों के उमड़ने पर
बादलों के रंग बदलने पर
बादलों के गरजने पर
बादलों के न बरसने पर।
प्रश्न - ३६ बादलों को किसके समान बताया गया है?
चिड़िया के बच्चों के समान
परियों के बच्चों के समान
पक्षी के बच्चों के समान
मनुष्य के बच्चों के समान।
प्रश्न - ३७ बादल किसके हाथों का सहारा लेकर उड़ते फिरते हैं?
चंद्रमा की किरणों का
तारों की किरणों का
सूर्य की किरणों का
जुगनू की किरणों का।
प्रश्न - ३८ “ज्योत्स्ना' शब्द का पर्यायवाची इनमें से कौन-सा शब्द है?
सीप
चाँदी
मोती
चाँदनी
Answers
Explanation:
answer no. 1भूतों के समान
answer no 2बादलों के गरजने पर.
answer no 3 परियों के बच्चों के समान.
answer no 4 सूर्य की किरणों का.
answer no 5 सीप
कभी अचानक भूतों का-सा प्रकट विकट महा-आकार।' कड़क-कड़क जब हँसते थर्रा उठता है संसार। फिर परियों के बच्चों से सुभग सीप के पंख पसार। समुद तैरते शुचि ज्योत्स्ना में, पकड़ इंदु के कर सुकुमार।
प्रश्न - ३४ बादल कैसे प्रकट होते हैं?
सही जवाब होगा :
भूतों के समान
प्रश्न - ३५ संसार कब भयभीत हो उठता है?
सही जवाब होगा :
बादलों के गरजने पर
प्रश्न - ३६ बादलों को किसके समान बताया गया है?
सही जवाब होगा :
परियों के बच्चों के समान
प्रश्न - ३७ बादल किसके हाथों का सहारा लेकर उड़ते फिरते हैं?
सही जवाब होगा :
चंद्रमा की किरणों का
प्रश्न - ३८ “ज्योत्स्ना' शब्द का पर्यायवाची इनमें से कौन-सा शब्द है?
सही जवाब होगा :
चाँदनी