kabir das Kavi parichey
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Answer:कबीरदास Kabirdas या संतकवि कबीर 15वीं शताब्दी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिंदी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनके लेखन सिक्खों के आदि ग्रंथ में भी मिला जा सकता है।
कबीरदास (Kabirdas) हिन्दू धर्म व इस्लाम धर्म के समान रूप से आलोचक थे। उन्होंने यज्ञोपवीतऔर ख़तना को बेमतलब करार दिया और इन जैसी धार्मिक प्रथाओं की सख़्त आलोचना की. उनके जीवनकाल के दौरान हिन्दू तथा मुसलमान दोनों ने उन्हें अपने विचार के लिए डराया-धमकाया था। कबीर पंथ नामक धार्मिक सम्प्रदाय इनकी शिक्षाओं के अनुयायी हैं।
जीवन परिचय
जन्म स्थल
कबीरदास (Kabirdas) के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ प्रचलित हैं। विद्वानों में कबीर के माता- पिता के विषय में एक राय निश्चित नहीं है कि कबीर “नीमा’ और “नीरु’ की वास्तविक संतान थे या नीमा और नीरु ने केवल इनका पालन- पोषण ही किया था। कहा जाता है कि नीरु जुलाहे को यह बच्चा काशी के लहरतारा ताल पर पड़ा मिला, जिसे वह अपने घर ले आया और उसका पालन-पोषण किया। बाद में यही बालक कबीर कहलाया।कबीर के जन्म के संबंध में कुछ लोगों की ये मान्यता है कि वे रामानन्द स्वामी के आशीर्वाद से काशी की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से पैदा हुए थे, जिसको भूल से रामानंद जी ने पुत्रवती होने का आशीर्वाद दे दिया था। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी।
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