kabir , guru nanak , namdev , merebhai , soordas , rahim , bihari , dhananad , ka 1 doha in hindi
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Answers
kabir ke dohe
कबीर दास जी के दोहे बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
रहीम का दोहा
रहिमन भेषज के किए, काल जीति जो जात |
बड़े-बड़े समरथ भए, तौ न कोउ मरि जात ||
guru nanak ka doha
हरि बिनु तेरो को न सहाई।
काकी मात-पिता सुत बनिता, को काहू को भाई॥
धनु धरनी अरु संपति सगरी जो मानिओ अपनाई।
तन छूटै कुछ संग न चालै, कहा ताहि लपटाई॥
दीन दयाल सदा दु:ख-भंजन, ता सिउ रुचि न बढाई।
नानक कहत जगत सभ मिथिआ, ज्यों सुपना रैनाई॥
घायल री गत घाइल जाण्यां, हिवडो अगण संजोय।
जौहर की गत जौहरी जाणै, क्या जाण्यां जिण खोय।
दरद की मार्यां दर दर डोल्यां बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा री प्रभु पीर मिटांगां जब बैद सांवरो होय॥
soordas ka doha
अंखियां हरि-दरसन की प्यासी।
देख्यौ चाहति कमलनैन कौ¸ निसि-दिन रहति उदासी।।
आए ऊधै फिरि गए आंगन¸ डारि गए गर फांसी।
केसरि तिलक मोतिन की माला¸ वृन्दावन के बासी।।
काहू के मन को कोउ न जानत¸ लोगन के मन हांसी।
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कौ¸ करवत लैहौं कासी।।
रहीम के दोहे बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय.
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय.
बिहारी के दोहे
देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर।।
dhanand ka doha
वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै
लड़कीली बानि आनि उर मैं अरति है।
वहै गति लैन औ बजावनि ललित बैन,
वहै हँसि दैन, हियरा तें न टरति है।
वहै चतुराई सों चिताई चाहिबे की छबि,
वहै छैलताई न छिनक बिसरति है।
आनँदनिधान प्रानप्रीतम सुजानजू की,
सुधि सब भाँतिन सों बेसुधि करति है।।
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1) कबीर का दोहा ;-
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
2) रहीम का दोहा ;-
रहिमन भेषज के किए, काल जीति जो जात |
बड़े-बड़े समरथ भए, तौ न कोउ मरि जात ||
3) गुरुनानक का दोहा ;-
धनु धरनी अरु संपति सगरी जो मानिओ अपनाई।
तन छूटै कुछ संग न चालै, कहा ताहि लपटाई॥
4) मीराबाई का दोहा ;-
मीराबाई दरद न जाण्यां कोयहेरी म्हां दरदे दिवाणी म्हारां दरद न जाण्यां कोय।
5) सूरदास का दोहा ;-
देख्यौ चाहति कमलनैन कौ¸ निसि-दिन रहति उदासी।।
आए ऊधै फिरि गए आंगन¸ डारि गए गर फांसी ।
6) बिहारी का दोहा ;-
सतसइया के दोहरा ज्यों नावक के तीर।
देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर।।
7) धानंद का दोहा ;-
वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै
लड़कीली बानि आनि उर मैं अरति है।
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