Kabir ki sakiya class 10 ke muhavre.please mention please mention all muhavre
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ऐसी बाँणी बोलिये, मन का आपा खोइ।
अपना तन सीतल करै, औरन कौं सुख होइ।।
कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढै बन माँहि।
ऐसैं घटि घटि राँम है, दुनियाँ देखै नाँहि।।
जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।
सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।।
सुखिया सब संसार है, खायै अरू सोवै।
दुखिया दास कबीर है, जागै अरू रोवै।।
बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्रा न लागै कोइ।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।।
निंदक नेड़ा राखिये, आँगणि कुटी बँधाइ।
बिन साबण पाँणीं बिना, निरमल करै सुभाइ।।
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुवा, पंडित भया न कोइ।
ऐकै अषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होइ।।
हम घर जाल्या आपणाँ, लिया मुराड़ा हाथि।
अब घर जालौं तास का, जे चलै हमारे साथि।।
1. प्राण सूखना-डर लगना।
आतंकवादियों को देखकर गाँव वालों के प्राण सूख गए।
2. हँसी-खेल होना-छोटी-मोटी बात।
जंगल में अकेले जाना कोई हँसी-खेल नहीं होता।
3. आँखें फोड़ना-बड़े ध्यान से पढ़ना।
कक्षा में प्रथम आने के लिए निखिल आँखें फोड़कर
पढ़ाई करता है।
4. गाढ़ी कमाई–मेहनत की कमाई।
तुम तो अपनी गाढ़ी कमाई जुएँ में उड़ा रहे हो।
5. ज़िगर के टुकड़े-टुकड़े होना-दिल पर भारी आघात लगना।
बेटे की मृत्यु की खबर सुनकर माता-पिता के जिगर के टुकड़े-टुकड़े हो गए।
6. हिम्मत टूटना-साहस समाप्त होना।
परीक्षा में असफल होने पर पिता की हिम्मत टूट गई।
7. जान तोड़ मेहनत करना-खूब परिश्रम होना।
मैच जीतने के लिए सभी खिलाड़ियों ने जान-तोड़कर मेहनत की।
8. दबे पाँव आना-चोरी-चोरी आना।
चोर ने दबे पाँव आकर घर का सारा सामान साफ़ कर दिया।
9. घुड़कियाँ खाना-डाँट-डपट सहना।
बड़े भाईसाहब की घुड़कियाँ खाकर अचानक छोटे भाई ने मुँह खोल दिया।
10. आड़े हाथों लेना-कठोरतापूर्ण व्यवहार करना।
गलती करके पकड़े जाने पर माता-पिता ने पुत्र को आड़े हाथों लिया।
11. घाव पर नमक छिड़कना-दुखी को और दुखी करना।
एक तो वह पहले से ही दुखी है, तुम उसे चिढ़ाकर उसके घाव पर नमक क्यों छिड़क रहे हो।
12. तलवार खींचना-लड़ाई के लिए तैयार रहना।
छोटे भाई को गुंडों से पिटता देखकर बड़े भाइयों ने तलवार खींच ली।
13. अंधे के हाथ बटेर लगना-अयोग्य को कोई महत्त्वपूर्ण वस्तु मिलना।
अनपढ़ श्याम की सरकारी नौकरी लग गई। ऐसा लगता है जैसे अंधे के हाथ बटेर लग गई।
14. चुल्लूभर पानी देने वाला-कठिन समय में साथ देने वाला।
अगर तुम किसी की मदद नहीं करोगे तो तुम्हें भी कोई बाद में चुल्लू भर पानी देने वाला नहीं मिलेगा।
15. दाँतों पसीना आना-बहुत अधिक परेशानी उठाना।
शादी वाले घर में इतने काम होते हैं कि जिन्हें निपटाते निपटाते दाँतों पसीने आ जाते हैं।
16. लोहे के चने चबाना-बहुत कठिनाई उठाना।
कक्षा में प्रथम आने के लिए करन को पीछे करना लोहे के चने चबाने जैसा है।
17. चक्कर खाना-भ्रम में पड़ना।
रवि-चेतन की एक जैसी शक्ल देखकर लोग चक्कर खा गए।
18. आटे-दाल का भाव मालूम होना-कठिनाई का अनुभव होना।
दोस्तों के पैसों पर ऐश करने वालों को जब स्वयं कमाना पड़ता है तब उन्हें आटे-दाल का भाव मालूम होता है।
19. ज़मीन पर पाँव न रखना-बहुत खुश होना।
बेटे को सफ़ल देखकर उसके माता-पिता ज़मीन पर पाँव न रख सके।
20. हाथ-पाँव फूल जाना-परेशानी देखकर घबरा जाना।
मनोज को नौकरी से निकाले जाने की खबर सुनकर उसकी पत्नी के हाथ-पाँव फूल गए।