Hindi, asked by savitaarrohipal, 3 months ago

kabirdas ka Kavi parichay dete hue unki kavyagat visheshtaen likhiye?​

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Answered by gautamnidhania52
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हिंदी साहित्य में अपनी लेखनी से श्री-वृद्धि करने वाले व अपने विचारों से समाज में बदलाव लाने वाले महान कवी कबीर दास जी का जीवन परिचय (Kabir Das Ka Jivan Parichay) हम सभी को जानना जरुरी है। इस पोस्ट में आप कबीर दास की रचनाओं (Kabir Das Ki Rachnaye) और उनकी भाषा शैली (Bhasa Shaili) के बारे में जानेगें। उम्मीद करते है हमारी अन्य पोस्ट की तरह आप इस पोस्ट से भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी सिख पाएंगे। तो चलिए कबीर दास जी के जीवन परिचय के बारे में जान लेते है।

कवि कबीरदास का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय कबीरदास जी भक्तिकालीन निर्गुण संत काव्य धारा के सर्वश्रेष्ठ कवि थे। यह एक महान कवि भक्त तथा सच्चे समाज सुधारक थे। जन श्रुति के आधार पर इनका जन्म सन 1398 ई॰ में ‘काशी’ नामक स्थान पर हुआ माना जाता है। किवदंती है कि इनका जन्म एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से हुआ था, जिसने लोक-लाजवश इनका परित्याग कर दिया और उन्हें काशी के लहरतारा नामक तालाब के किनारे छोड़ गई, जहां से नीरू एवं नीमा नामक जुला दंपत्ति ने इनको प्राप्त किया तथा इनका पालन पोषण किया।

नीरू एवं नीमा ने इनका नामकरण ‘कबीर’ किया जिसका अर्थ होता है महान। वस्तुतः कबीर (Kabir) ने अपने कार्यों से अपने नाम को सार्थक किया। बड़े होने पर इनका विवाह ‘लोई’ नामक युवती से हुआ, जिनसे इन्हें कमाल तथा कमाली नामक पुत्र पुत्री हुई। कबीरदास अनपढ़ होने के साथ-साथ मस्तमौला, अक्खड, निर्भीक, विद्रोही तथा क्रांतिकारी समाज सुधारक थे। इन्होंने अपना गुरु ‘श्री रामानंद जी’ को बनाया।

उन्होंने उन्हें राम नाम का मंत्र दिया। इनके स्वाभिमानी एवं अक्कड़ स्वभाव के कारण तत्कालीन लोधी शासक सिकंदर लोदी ने इनके ऊपर कई अत्याचार किए, लेकिन ये उनकी परवाह न करते हुए अपनी वाणी द्वारा हिंदू-मुस्लिम एकता पर बल देते रहे। सन 1518 ई॰ में इस महान संत कवि का बनारस के समीप ‘मगहर’ नामक स्थान पर देहांत हो गया। ‘कबीर चौरा’ नामक स्थान पर इनकी समाधि बनी हुई है।

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