Hindi, asked by calvinsajin7, 5 months ago

कच्ची मिट्टी किसी भी साँचे में डालकर किसी भी नए रूप में बदली जा सकती है, लेकिन पककर बना हुआ उसका एक आकार दोबारा किसी दूसरे रूप में नहीं लाया जा सकता । ठीक यही स्थिति मानव जीवन की भी है उसे आरंभ में अनुकूल वातावरण देकर जैसा चाहे प्रायः उसे वैसा ही बनाया जा सकता है,लेकिन जब वह एक बार, एक प्रकार का बन गया, तब उसमें परिवर्तन लाने का प्रयास बहुत ही कम सफल हो पाता है । किसी लड़के या लड़की के व्यक्तित्व के निर्माण का मुख्य उत्तरदायित्व हमारे समाज, हमारी सरकार, स्वयं माता- पिता पर है तथा बहुत कुछ स्वयं लड़के या लड़की पर भी । कोई भी व्यक्ति अपने ध्येय में तभी सफल हो सकता है, जब वह अपने जीवन के आरंभिक दिनों में भी वैसा करने का प्रयास करें । इस दृष्टि से विद्याध्ययन का समय ही मानव जीवन के लिए विशेष महत्व रखता है ।हम सभी का और स्वयं विद्यार्थियों का यही कर्तव्य है कि सभी इस तथ्य को हमेशा अपने सामने रखें । दूसरे शब्दों में इसे इस प्रकार कहा जा सकता है कि बालक का व्यक्तित्व अपरिपक्व है, उसे परिपक्व बनाने में उसके संस्कार, माता-पिता एवं परिवार का परिवेश और विद्यालय इन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है ।यदि इनमें से किसी एक के योगदान में कमी आती है तो बालक के व्यक्तित्व की उच्चता में कमी आ जाती है वह बड़ा होकर महानता की ओर अग्रसर नहीं होता, मात्र सामान्य व्यक्तित्व बनकर रह जाता है । इसलिए बालक के व्यक्तित्व के विकास की ओर ध्यान देना एक परिवार के लिए, देश और समाज के लिए अति आवश्यक है । (क) प्रस्तुत गद्यांश में कच्ची मिट्टी के विषय में क्या कहा गया है ? (2) (ख) लड़के या लड़कियों के व्यक्तित्व के निर्माण का मुख्य दायित्व किस पर है ? (2) (ग) एक बालक का व्यक्तित्व अपरिपक्व होता है । वह परिपक्व कैसे बनता है ? (2) (घ) मानव जीवन को किस तरह सही आकार दिया जा सकता है ? (2) (ङ) गद्यांश में से उपसर्ग युक्त एक शब्द छाँटकर लिखिए । (1) (च) इस गद्यांश के लिए उचित शीर्षक लिखिए । (1)

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Answered by jasnoor45
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Answer:

क) प्रस्तुत गद्यांश में कच्ची मिट्टी के विषय में क्या कहा गया है ?

कच्ची मिट्टी किसी भी साँचे में डालकर किसी भी नए रूप में बदली जा सकती है, लेकिन पककर बना हुआ उसका एक आकार दोबारा किसी दूसरे रूप में नहीं लाया जा सकता ।

2) (ख) लड़के या लड़कियों के व्यक्तित्व के निर्माण का मुख्य दायित्व किस पर है ?

किसी लड़के या लड़की के व्यक्तित्व के निर्माण का मुख्य उत्तरदायित्व हमारे समाज, हमारी सरकार, स्वयं माता- पिता पर है तथा बहुत कुछ स्वयं लड़के या लड़की पर भी ।

2) (ग) एक बालक का व्यक्तित्व अपरिपक्व होता है । वह परिपक्व कैसे बनता है ?

बालक का व्यक्तित्व अपरिपक्व है, उसे परिपक्व बनाने में उसके संस्कार, माता-पिता एवं परिवार का परिवेश और विद्यालय इन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है ।

2) (घ) मानव जीवन को किस तरह सही आकार दिया जा सकता है ?

यही स्थिति मानव जीवन की भी है उसे आरंभ में अनुकूल वातावरण देकर जैसा चाहे प्रायः उसे वैसा ही बनाया जा सकता है।

) (ङ) गद्यांश में से उपसर्ग युक्त एक शब्द छाँटकर लिखिए ।

प्रायः

(1) (च) इस गद्यांश के लिए उचित शीर्षक लिखिए । (1)

कच्ची मिट्टी का भाव।

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