कछु न जानी जात’ के माध्यम से सुदामा क्या कहना चाहते है?
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Question-'कछु ना जानी जात' के माध्यम से सुदामा ने क्या कहना चाहा है??
Answer - ' कछु ना जाने जात' के माध्यम से सुदामा ने अपनी खींझ उतारते हुए यह कहना चाहा है कि कृष्ण ने आदर - सत्कार तो खूब किया पर वहां से आते समय मुझे कुछ दिया नहीं l
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