Hindi, asked by kourh, 3 months ago

कहाँ लौ कहिए ब्रज की बात।
सुनहु स्याम तुम बिनु उन लोगनि, कैसे दिवस बिहात।
गोपी ग्वाल गाइ गोसुत सब, मलिन वदन कृस गात।
परम दीन जनु सिसिर-हेम-हत, अंबुज गन बिनु पात।
जो कोऊ आवत देख दूरी तैं, उठि पूछत कुसलात।
चलन न देत प्रेम आतुर उर, कर चरननि लपटात।
पिक चातक बन बसनन पावत, बायस बलि नहि खात।
सुर स्याम सन्देसनि के डर, पथिक न उहि मग जाता​

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Answered by lalitakisku7782
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Explanation:

kaha lau kahiye Braj ki bat

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