कहानी लेखन
एक व्यापारी -गाँव -गाँव घूमना- एक बार आम के पेड़ के नीचे आराम करना- छोटे फल को देखकर ईश्वर की बुद्धि पर हँसना - एक फल उसके सिर पर गिरना -अपनी भूल समझ मे आना - सीख ।
Answers
Answer:
एक व्यापारी था। वह गांव गांव में घूमता था। एक बार वह बहुत थक गया था। तो वह एक आम के पेड़ के नीचे आराम करने लगा। आम को देखकर वह सोच रहा था की ईश्वर भी कितना मूर्ख है वह इतने बड़े पेड़ पर इतने छोटे-छोटे आम लगा दिए हैं।
अब इतने छोटे फल से किसी का पेट क्या भरेगा। थोड़ी देर बाद उसे नींद आ गई और वह सो गया। फिर थोड़ी देर बाद एक आम उसके नाक पर आकर गिर गई। तब वह अपनी गलती का एहसास करता है और कहता है कि हे भगवान आपने बहुत अच्छा किया कि इस आम को इतना छोटा बनाया। अगर यह आम कद्दू की तरह बड़ा होता तो मेरी नाक फूट जाती । उस व्यापारी को अपनी भूल समझ में आ गई। वह ईश्वर को धन्यवाद देते हुए वहां से चला गया।
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Answer:
एक व्यापारी था। वह गांव गांव में घूमता था। एक बार वह बहुत थक गया था। तो वह एक आम के पेड़ के नीचे आराम करने लगा। आम को देखकर वह सोच रहा था की ईश्वर भी कितना मूर्ख है वह इतने बड़े पेड़ पर इतने छोटे-छोटे आम लगा दिए हैं।
अब इतने छोटे फल से किसी का पेट क्या भरेगा। थोड़ी देर बाद उसे नींद आ गई और वह सो गया। फिर थोड़ी देर बाद एक आम उसके नाक पर आकर गिर गई। तब वह अपनी गलती का एहसास करता है और कहता है कि हे भगवान आपने बहुत अच्छा किया कि इस आम को इतना छोटा बनाया। अगर यह आम कद्दू की तरह बड़ा होता तो मेरी नाक फूट जाती । उस व्यापारी को अपनी भूल समझ में आ गई। वह ईश्वर को धन्यवाद देते हुए वहां से चला गया।