कहानी लेखन
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर ७० से ८० शब्दों में कहानी लिखिर और उचित शर्मिकीजिए।
लकडहारा नदी के किनारे पेड
सोने की कुल्हादी देना --- लकडहार का लेने के लिए इनकार
से इनकार लोहे की कुल्हाडी देना
सोने-चांदी की कुल्हाड़ियाँ इनाम में
Answers
Answer:
और वहा जलदेवी प्रकट हो कर उसको सोने, चांदी और लोहे की कुल्हाड़ी लाकर देती हैं।
लेकिन क्या? आप को पता है कि लकड़हारा कौन सी कुल्हाड़ी लेता है।
ईमानदार लकड़हारा
एक गांव में एक लकड़हारा रहता था उसका नाम भानु था। वह बहुत ईमानदार और दयालु लकड़हारा था, वह जंगल में जाता और लकड़ियां काट कर लाता और उसे बाजार में बेच आता इससे उसके घर का पालन पोषण करता था।
Imaandar Lakadhara
Imaandar Lakadhara ki kahani
एक दिन जब वह जंगल में से लकड़ियां काट कर वापस आ रहा था तो अचानक उसके हाथ से कुल्हाड़ी छूट कर नदी में गिर गई। लकड़हारे ने नदी में कूद कर कुल्हाड़ी को ढूंढने का प्रयास करने लगा, लेकिन काफी समय गुजर जानें के बाद भी वह अपनी कुल्हाड़ी नही ढूंढ पाया।
वह दुखी होकर पुल के एक कोने में बैठ गया और बैठकर रो रहा था। तभी अचानक वहां पर जलदेवी प्रकट हुई ,और उससे पूछा की क्या बात है, तुम इतने उदास क्यों हो रहे हो?
लकड़हारा ने उत्तर दिया - मैं इस पुल को पार कर रहा था तब अचानक मेरा पैर पुल मैं फसा और मैं गिर गया और मेरी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई।
जल देवी ने कहा तुम यही ठहरो मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी लेकर आती हूं । और जल देवी नदी में गई और नदी से एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर आई और लकड़हारे को देने लगी पर लकड़हारा ने व कुल्हाड़ी नहीं ली और कहने लगा कि माता यह कुल्हाड़ी मेरी नहीं है, मुझे मेरी चाहिए।
फिर जलदेवी वापस नदी में गई और नदी से चांदी की कुल्हाड़ी लेकर आई और लकड़हारे को देने लगी फिर से लकड़हारे ने मना कर दिया यह कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं है।
फिर से जलदेवी वापस नदी में गई और नदी से उसकी लोहे की कुल्हाड़ी लेकर आई और उसको देने लगी लकड़हारे ने खुशी-खुशी से अपनी कुल्हाड़ी ले ली इसकी ईमानदारी से जलदेवी बहुत प्रसन्न हुई, और लकड़हारे को चांदी और सोने की कुल्हाड़ी भी दे दी।
और लकड़हारे ने तीनों कुल्हाड़ी या लेकर घर आया और उसकी धर्मपत्नी को यह पूरी बात बताई, इससे दोनों पति पत्नी बहुत खुश हुए। और फिर से लकड़हारे ने पहले की तरह रोजाना जंगल में जाता और लकड़ियां काट कर लाता और उसे बाजार में बेचता था और जो पैसा आता उससे अपना घर-बार चलाता था।।
Moral : हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है, कि हमें ईमानदार व दयालु व्यक्ति बनना चाहिए।