Hindi, asked by 14661smhs, 4 months ago

कह।नी लेखन topic मधुबन​

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Answered by s1249sumana10422
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बाढ़ में खरीफ की फसल मारे जाने से प्रखंड पर अकाल की काली छाया मंडराने लगी है। पानी हटने के बाद तबाही का मंजर देख किसान माथा पीट रहे हैं। अभी भी हजारों एकड़ में पानी जमा है। बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है।

प्रखंड में बाढ़ ने भारी तबाही मचायी है। धान, मक्का, हल्दी, आदी, अरहड़ सहित सब्जी की खेती को बाढ़ ने लील लिया है। पशुओं को चारा नहीं मिल रहा है। किसान कर्ज लेकर धान व मक्का की खेती किये थे। किसानों को भविष्य में पेट भरने के साथ-साथ महाजनों का कर्ज वापस करने की भी चिंता सता रही है। धान के बिचड़े व नवरोपित के पौधे बाढ़ के पानी में गल गये हैं। करीब तीन सौ एकड़ में नवरोपित गोभी के पौधे खेतों में मर गयी है। खेतों में दम तोड़ चुकी फसलों को देखकर किसानों का कलेजा फट रहा है। घर की जमा पूंजी खेतों में दफन हो गयी है। दर्जनों घर गिर चुके हैं। घरों में पानी कई दिनों तक जमा रहने से घर के कई सामान के साथ रखे अनाज भी बर्बाद हो चुके हैं।

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